राष्ट्रीय लोक अदालत में 50464 मामलो का निपटारा

102 करोड़ 99 लाख अवार्ड पास, 5 जोड़े फिर से हुए इकठ्ठे

जालंधर (अरोड़ा):- राष्ट्रीय विधिक सेवाएं प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा भेजे गए प्रोग्राम के अनुसार माननीय न्यायाधीश पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष पंजाब राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जालंधर के तत्वाधान में निरभऊ सिंह गिल जिला एवं सैशन न्यायाधीश जालंधर के नेतृत्व में किया गया आज राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस लोक अदालत में संज्ञेय आपराधिक मामले, चेक बाउंस मामले, बैंक रिकवरी मामले, वैवाहिक विवाद, ट्रैफिक चालान, मोटर दुर्घटना क्लेम केस, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण मामले, बिजली और पानी के बिल, राजस्व विभाग से संबंधित और सभी प्रकार के सिविल मामले निपटारे के लिए रखे गए है।
सभी जिला एवं उपमंडलीय न्यायालयों ने विभिन्न पक्षों की सहमति से राजीनामा योग्य प्रकरणों को राष्ट्रीय लोक अदालत में रखा एवं उनका निपटारा किया। इस राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता के लिए जिला एवं सैशन न्यायाधीश निरभऊ सिंह गिल ने समय-समय पर विभिन्न बैठकें बुलाई, जिसमें सभी न्यायाधीशों को राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक मामलों का निपटारा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। जिला एवं सैशन न्यायाधीश ने विभिन्न विभागों जैसे बैंक, बिजली विभाग, श्रम विभाग एवं बीमा कंपनियों आदि के अधिकारियों को इस राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में जानकारी दी और कहा कि जो भी मामले राजीनामा के आधार पर निपटाए जा सकते हैं, उन्हें इस राष्ट्रीय लोक अदालत में दायर किया जाना चाहिए।
जिला कानूनी सेवाएं प्राधिकरण, जालंधर के सचिव राहुल कुमार ने बताया कि आज इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 51726 मामले निपटारे के लिए रखे गए थे, जिनमें से 50464 मामले निपटाए गए और कुल 1029987505/- (102 करोड़ 99 लाख 87 हजार 505/-) के अवार्ड पारित किए गए। उन्होंने बताया कि इस लोक अदालत में पांच विवाहित जोड़ों के मामलों की सुनवाई की गई, जो आपसी मनमुटाव के कारण अलग-अलग रह रहे थे। लोक अदालत पीठ के प्रयास से दंपत्ति फिर से साथ रहने को राजी हो गए और कोर्ट से एक साथ घर गए। उन्होंने यह भी बताया कि अगली लोक अदालत 10.05.2025 को आयोजित की जाएगी। इस राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए जालंधर, नकौदर और फिल्लौर की अदालतों में 23 बैंचों का गठन किया गया, जिनकी अध्यक्षता जसविंदर सिंह अतिरिक्त जिला एवं सैशन न्यायाधीश, नरेश कुमार अतिरिक्त जिला एवं सैशन न्यायाधीश, वनीत कुमार नारंग अतिरिक्त न्यायाधीश फैमिली कोर्ट, जसवीर सिंह सिविल जज सीनियर डिवीजन, इंद्रजीत सिंह सिविल जज जूनियर डिवीजन, वरुणदीप चोपड़ा सिविल जज जूनियर डिवीजन, रवतेश इंद्रजीत सिंह सिविल जज जूनियर डिवीजन, अर्जुन सिंह संधू सिविल जज जूनियर डिवीजन, कुलविंदर कौर सिविल जज जूनियर डिवीजन, माणिक कौडा सिविल जज जूनियर डिवीजन, राम पाल सिविल जज जूनियर डिवीजन, बबलजीत कौर सिविल जज जूनियर डिवीजन, रसवीन कौर सिविल जज जूनियर डिवीजन, स्वरीन संधू सिविल जज जूनियर डिवीजन, मोहिंदर प्रताप सिंह लिबडा सिविल जज जूनियर डिवीजन, जगदीप सिंह मरोक अध्यक्ष स्थायी लोक अदालत (सार्वजनिक उपयोगिता सेवाएं), दलजीत सिंह रल्हन अतिरिक्त जिला एवं सैशन न्यायाधीश, औद्योगिक ट्रिब्यूनल जालंधर, हरवीन भारद्वाज अध्यक्ष उपभोक्ता न्यायालय और तहसीलदार-1 जालंधर द्वारा की गई।
सब-डिवीजन फिल्लौर में लोक अदालत बेंच की अध्यक्षता मीनाक्षी गुप्ता, अतिरिक्त सिविल जज (सीनियर डिवीजन) और गौरव कुमार सिविल जज, (जूनियर डिवीजन) ने की। सब-डिवीजन नकोदर में लोक अदालत बेंच की अध्यक्षता श्रीमती एकता सहोता, अतिरिक्त सिविल जज (सीनियर डिवीजन) और डा.जुबली, सिविल जज (जूनियर डिविजन) ने किया। इन लोक अदालतों में सदस्य के तौर पर वकील एवं सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर एक सैमिनार का आयोजन भी विकल्पी विवाद समाधान केंद्र में किया गया। जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव राहुल कुमार ने विधि छात्राओं को महिलाओं के अधिकारों के बारे में जानकारी दी और कहा कि विधिक सेवाएं प्राधिकार अधिनियम के तहत महिलाएं भी निःशुल्क कानूनी सेवा प्राप्त कर सकती है।

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