अमृतसर (प्रतीक):- बीबीकेडीएवी महिला कॉलेज ने उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईआई) की सुगम्यता ऑडिट के भाग के रूप में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) विशेषज्ञ समिति के साथ एक इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन किया गया।सत्र में नीतिगत सुधारों, अवसंरचनात्मक सुधारों और डिजिटल उन्नति के माध्यम से दिव्यांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) के लिए समावेशिता और सुगमता को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया। प्रतिष्ठित पैनल में यूजीसी के संयुक्त सचिव डॉ. जी.एस. चौहान, माता सुंदरी कॉलेज फॉर विमेन, दिल्ली विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. लोकेश कुमार गुप्ता और गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर के हिंदी विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. सुनील शामिल थे।



सत्र के दौरान समिति ने सामुदायिक जुड़ाव, परीक्षा और शैक्षणिक सहायता, डिजिटल सुगम्यता, संस्थागत नीतियों और अवसंरचनात्मक संवर्द्धन जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा की। दिव्यांग छात्रों के लिए परामर्श कार्यक्रम, परीक्षा सहायता, आईसीटी अवसंरचना विकास और रोजगार के अवसरों पर विशेष जोर दिया गया। सत्र में दिव्यांग छात्रों के लिए समावेशी शैक्षणिक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए कॉर्पोरेट प्रायोजन, विशेष पुस्तकालय संसाधनों और मानसिक स्वास्थ्य सहायता सेवाओं की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला गया। यूजीसी पैनल ने कॉलेज की चल रही पहलों की सराहना की और उपयोगी उपायों को मजबूत करने में निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया।



प्रिंसिपल डॉ. पुष्पिंदर वालिया ने सम्मानित अतिथियों का स्वागत किया एवं सभी छात्रों के लिए एक समान शिक्षण वातावरण को बढ़ावा देने के लिए कॉलेज की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बीबीके डीएवी कॉलेज फॉर विमेन एक छात्र-अनुकूल परिसर सुनिश्चित करने के लिए प्रगतिशील नीतियों, तकनीकी प्रगति और बुनियादी ढांचे के उन्नयन को लागू करने के लिए समर्पित है। डॉ. वालिया ने यूजीसी विशेषज्ञ समिति को उनकी बहुमूल्य अंतर्दृष्टि के लिए अपना आभार व्यक्त किया और उनकी अनुशंसा को कॉलेज के शैक्षणिक ढांचे में एकीकृत करने का संकल्प लिया।