डिप्टी कमिश्नर ने भोगपुर में प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा का संकल्प लिया

सख्त प्रदूषण नियंत्रण उपायों और सामुदायिक भागीदारी पर दिया जोर

जालंधर (अरोड़ा):- पर्यावरण संरक्षण के प्रति दृढ़ वचनबद्धता व्यक्त करते हुए डिप्टी कमिश्नर डा. हिमांशु अग्रवाल ने भोगपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए प्राकृतिक संसाधनों को प्रदूषण से बचाने की आवश्यकता पर बल दिया। मिट्टी, पानी और हवा को माता-पिता के रूप में सम्मान देने वाले पवित्र शास्त्रों से प्रेरणा लेते हुए, डा. अग्रवाल ने इन बहुमूल्य तत्वों के संरक्षण के लिए सामूहिक जिम्मेदारी के महत्व पर प्रकाश डाला। स्थानीय निवासियों ने बायो-सीएनजी प्लांट के खिलाफ स्थानीय निवासियों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए डिप्टी कमिश्नर डा. हिमांशु अग्रवाल, एस.एस.पी. गुरमीत सिंह और अन्य अधिकारी भोगपुर का दौरा कर रहे थे। डिप्टी कमिश्नर ने लोगों की समस्याएं सुनी और चर्चा के माध्यम से उनके डर को दूर किया।
भोगपुर शुगर मिल के बॉयलर से निकलने वाले धुएं से संबंधित समस्याओं की सुनते हुए डा. अग्रवाल ने इस मुद्दे पर पंजाब सरकार के सक्रिय रुख पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने मिल को बैंक गारंटी जमा करवाने के आदेश दिए है तथा धुआं निकलने पर बॉयलर का संचालन बंद करने के निर्देश दिए। यह निर्णायक दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करती है कि औद्योगिक गतिविधियों से पर्यावरण के साथ कोई समझौता न हो। डा.अग्रवाल ने कहा कि यदि कोई औद्योगिक इकाई प्राकृतिक संसाधनों को प्रदूषित करती पाई गई तो उसे उनकी निगरानी में कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। प्रस्तावित वायो-सीएनजी प्लांट के मद्देनजर, डा.अग्रवाल ने स्थानीय निवासियों की एक तालमेल समिति के गठन की घोषणा की। इस समिति को परियोजना के संभावित पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभावों का आकलन करने का कार्य सौंपा गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि समुदाय की राय निर्णय लेने की प्रक्रिया का अभिन्न अंग हो। डिप्टी कमिश्नर ने समिति के निष्कर्षों के अनुसार कार्य करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। डिप्टी कमिश्नर ने पर्यावरण कानूनों के क्रियान्वयन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि किसी भी उल्लंघना, चाहे वह चीनी मिल द्वारा हो या अन्य उद्योगों द्वारा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी उन्होंने उपस्थित लोगों को बताया कि माननीय उच्च न्यायालय ने प्रशासन और प्रदर्शनकारियों सहित प्रतिवादियों को कानून के अनुसार संयंत्र में शीघ्र काम शुरू करने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए है और इन आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने तथा लोगों के डर और मिथकों को दूर करने के लिए यह प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सभी को माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करना चाहिए तथा निर्देशों का उल्लंघन होने पर तत्काल सुधारात्मक उपाय किए जाएंगे। इन संयुक्त प्रयासों के माध्यम से, जिला प्रशासन का लक्ष्य भावी पीढ़ियों के लिए प्राकृतिक संसाधनों की शुद्धता को संरक्षित करते हुए टिकाऊ विकास को बढ़ावा देना है।

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