जालंधर (अरोड़ा) :- डी.ए.वी.कॉलेज जालंधर के बाॅटनी विभाग की कश्यप बॉटनिकल सोसाइटी के तत्वावधान में इको-क्लब द्वारा सब्जियों के लिए उत्कृष्टता केंद्र, करतारपुर की एक दिवसीय यात्रा का आयोजन किया गया था। यह केन्द्र करतारपुर के पंद्रह एकड़ के क्षेत्र में स्थापित है और फ्रंटलाइन प्रदर्शनों के उद्देश्य और सब्जियों के पौधों के रूप में गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री के स्रोत की सेवा कर रहा है। बीएससी मेडिकल, बीबीए और बीसीए के चौबीस छात्रों ने इस केंद्र की यात्रा में भागीदारी की। वर्तमान परिदृश्य के अनुसार, बढ़ती जनसंख्या और शहरीकरण के कारण प्रति इकाई क्षेत्र में सब्जियों के अधिक उत्पादन की आवश्यकता है। इस प्रकार, साल भर सब्जियों का उत्पादन वर्तमान समय की माँगों को पूरा करने के लिए एक ठोस कदम है। यात्रा का उद्देश्य छात्रों को आधुनिक कृषि तकनीकों से अवगत कराना था जो जल कुशल, अत्यधिक उत्पादक हैं।


डॉ. त्रिपत कुमार (बागवानी विकास अधिकारी, सीओई, करतारपुर) ने विभिन्न संरक्षित संरचनाओं जैसे वॉक इन टनल, नेट हाउस, प्राकृतिक रूप से हवादार पॉली हाउस और हाई-टेक पॉलीहाउस में चेरी टमाटर, ककड़ी, बैंगन, मिर्च, रंगीन शिमला मिर्च, हरी शिमला मिर्च और खरबूजा जैसी सब्जियों की खेती के बारे में बताया। छात्रों को स्वचालित ड्रिप सिंचाई प्रणालियों के बारे में भी जानकारी दी गई जो इन संरचनाओं से जुड़ी हैं। इसके अतिरिक्त, टैरेस गार्डन और किचन गार्डन के मॉडल भी दिखाए गए। प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार के मार्गदर्शन एवं आशीर्वाद से यह यात्रा संभव हो पाई।वे सदैव छात्रों के बेहतर शोध अनुभवों के लिए शैक्षिक यात्राओं को प्रोत्साहित करते हैं।। डॉ. कोमल अरोड़ा (इको-क्लब समन्वयक एवं विभागाध्यक्ष बॉटनी विभाग) ने छात्रों को भविष्य में इस तरह के अन्वेषणों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के पर्यावरण विनिमय कार्यक्रम के तहत पीएससीएसटी, चंडीगढ़ (राज्य नोडल एजेंसी) और कॉलेज विकास परिषद, जीएनडीयू, अमृतसर से वित्तीय सहायता प्राप्त की। डॉ. लवलीन (सहायक प्रोफेसर, बॉटनी विभाग), डॉ. शिवानी वर्मा (प्रभारी, कश्यप बॉटनिकल सोसायटी) और सुशील कुमार इस शैक्षणिक यात्रा की अगुवाई की।