सेंटर में मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं की समीक्षा की
स्वास्थ्य अधिकारियों को नशे पर निर्भर युवाओं को खेल और रचनात्मक गतिविधियों के प्रति प्रेरित करने को कहा
जालंधर को नशा मुक्त बनाने और नशा छोड़ने वाले युवाओं को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने की वचनबद्धता दोहराई
जालंधर (अरोड़ा) :- पंजाब सरकार द्वारा राज्य से नशे को खत्म करने के लिए चलाए जा रहे अभियान ‘युद्ध नशे के विरुद्ध ‘तहत डिप्टी कमिश्नर डा. हिमांशु अग्रवाल ने आज गांव शेखे में नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र का दौरा करते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह यहां आने वाले मरीजों की उचित देखभाल और कौन्सिलिंग सुनिश्चित करें और उन्हें रचनात्मक गतिविधियों में शामिल करने का भी प्रयास करें ताकि वे नशे की आदत से पूरी तरह छुटकारा पा सकें।
30 बेड वाले इस नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र में फिलहाल 11 मरीज नशे से मुक्ति के लिए इलाज करवा रहे है। डिप्टी कमिश्नर, जिनके साथ एस.डी.एम रणदीप सिंह हीर और सिविल सर्जन डा. गुरमीत लाल भी उपस्थित थे, ने मरीजों से बातचीत की और केंद्र में उन्हें मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। डा.अग्रवाल ने मरीजों को जिला प्रशासन द्वारा उनके पुनर्वास के लिए कौशल प्रशिक्षण प्रदान करके रोजगार पाने में मदद का भी आश्वासन दिया।



मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की राज्य से नशे को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि जिला प्रशासन जालंधर को नशा मुक्त बनाने के साथ-साथ नशा छोड़ने वाले युवाओं को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए वचनबद्ध है। इस बीच, डा.अग्रवाल ने पुनर्वास केंद्र में नशा पीड़ितों के लिए चलाए जाते इलेक्ट्रिशियन कोर्स, फुटबॉल सिलाई सहित अन्य गतिविधियों की भी समीक्षा की। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों से यहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों को खेल के प्रति प्रेरित करने का भी आग्रह किया। बाद में डिप्टी कमिश्नर ने सेंटर में स्थापित ओट सेंटर का भी दौरा किया, जहां स्टाफ ने उन्हें बताया कि यहां रोजाना 700-800 लोगों को दवा दी जाती है। इस दौरान उन्होंने नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र में साफ-सफाई का भी जायजा लिया और संतोष व्यक्त किया। इस दौरान डा. रमन गुप्ता, डा. अभयराज एवं नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र का समस्त स्टाफ भी उपस्थित था।