जालंधर (अरोड़ा) :- डी.ए.वी. कॉलेज, जालंधर में फिजिक्स एसोसिएशन के तत्वावधान में स्नातकोत्तर फिजिक्स विभाग द्वारा “चिकित्सा क्षेत्र में भौतिकी की भूमिका” पर डीबीटी प्रायोजित विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. राजीव धवन (एसोसिएट प्रोफेसर) जीएमसी मेडिकल कॉलेज, अमृतसर से थें। इस व्याख्यान का उद्देश्य छात्रों को प्रेरित करना और चिकित्सा क्षेत्र में भौतिकविदों के महत्वपूर्ण योगदान के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करना था।
उप प्राचार्य एवं भौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. कुँवर राजीव ने मुख्य अतिथि का स्वागत कर उनका परिचय दिया और कार्यक्रम की रूप रेखा बतायी। चिकित्सा भौतिकी में उपलब्ध विविध रोजगारोन्मुख अवसरों पर भी विस्तृत चर्चा की। उन्होंने इस बात पर बल दिया, कि गतिशील और विकसित हो रहे इस क्षेत्र को विद्यार्थी कैसे आगे बढ़ा सकते हैं।सत्र का आरंभ उप प्राचार्य डॉ. एस.के. तुली के गर्मजोशी भरे स्वागत और उत्साहवर्धक शब्दों के साथ हुई। उप प्राचार्य ने छात्रों के शैक्षणिक और व्यावसायिक विकास के लिए इस तरह की वार्ताओं के महत्व पर प्रकाश डाला।

धवन का व्याख्यान रेडियोडायग्नोस्टिक तकनीकों के इतिहास पर आकर्षक चर्चा के साथ शुरू हुआ। उन्होंने बताया कि इसकी शुरुआत विल्हेम रोएंटजेन द्वारा एक्स-रे की खोज से हुई। उन्होंने पहली बार एक्स-रे छवि प्रदर्शित की और वे इस अभूतपूर्व आविष्कार के पीछे की भौतिकी पर गहराई से काम किया। उन्होंने चिकित्सा निदान में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, डॉपलर इमेजिंग और पीईटी स्कैन सहित विभिन्न नैदानिक उपकरणों के सिद्धांतों और कार्यप्रणाली को समझाया। इसके अतिरिक्त, धवन ने कैंसर उपचार में उनके अनुप्रयोगों पर प्रकाश डालते हुए टेलीथेरेपी, रेडियोथेरेपी और ब्रैकीथेरेपी जैसी रेडियोथेरेपी तकनीकों का विस्तृत अवलोकन प्रदान किया। व्याख्यान अत्यधिक जानकारी पूर्ण था और इसने छात्रों को चिकित्सा भौतिकी में संभावित कैरियर पथों पर मूल्यवान मार्गदर्शन प्रदान किया। इसने उनके दृष्टिकोण को व्यापक बनाया और रोज़गार तलाशने के लिए नए रास्ते पेश किए। इस कार्यक्रम में डीबीटी समन्वयक डॉ. शरणजीत संधू, डॉ. नवजीत शर्मा, डॉ. रेणुका (विभागाध्यक्ष, जैव प्रौद्योगिकी विभाग), डॉ. रीना, डॉ. रविंदर कौर, डॉ. प्रीति, डॉ. सुनील ठाकुर, प्रो.राहुल सेखरी, डॉ. शिवानी और फिजिक्स एसोसिएशन के प्रभारी प्रो. डॉ. सुमित सहित संकाय सदस्यों की उपस्थिति और सक्रिय भागीदारी ने कार्यक्रम की सफलता में योगदान दिया।