जालंधर (अरोड़ा) :- एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर के साइकोलॉजी विभाग द्वारा ‘अंडरस्टैंडिंग माइंड्स ट्रांसफॉर्मिंग लाइव्स ‘विषय वस्तु पर आधारित साइकी फिएस्टा 2025 के दूसरे दिन विद्यार्थियों ने एक संतुलित जीवन जीने के लिए जीवन में काउंसलिंग एवं मेडिटेशन के महत्त्व को जाना। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने दूसरे दिन होने वाले इवेंट्स की प्रासंगिकता पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज के प्रतियोगिता एवं भागदौड़ भरे जिस माहौल में युवा पीढ़ी जी रही है तो ऐसे में उनके जीवन में काउंसलिंग और मेडिटेशन का बहुत ज्यादा महत्त्व है। डॉ ढींगरा ने कहा कि समाज में निश्चित रूप से बदलाव आया है आज लोग शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी अधिमानता देने लगे हैं। इस तरह के कार्यक्रम विद्यार्थियों को प्रेरित करते हैं कि वह अपनी दिनचर्या को इस तरह का बनाएं कि शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक सेहत का भी ध्यान रखा जाए। साइकी फिएस्टा 2025 में काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट मैडम प्रणवचीत कौर उपस्थित हुई उन्होंने कई विद्यार्थियों के जीवन से जुड़ी समस्याओं का समाधान करते हुए उनकी काउंसलिंग की और उन्हें उचित समाधान भी दिए।
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साइकी फिएस्टा 2025 के दूसरे दिन विद्यार्थियों के लिए मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े टैस्टिंग, काउंसलिंग, मेडिटेशन, मंडला आर्ट, हस्तलेखन शैली से व्यक्तित्व की पहचान करना, फेस पेंटिंग, गेम्स स्टॉल्स के साथ-साथ फूड स्टॉल्स का भी प्रबंध किया गया। इस अवसर पर साइकोलॉजी विभाग के विद्यार्थियों के साथ-साथ कॉलेज के अन्य विभागों के विद्यार्थियों ने भी बड़े हर्षोल्लाह से भाग लिया और अपने काउंसलिंग सत्र भी करवाएं। डॉ ढींगरा ने साइकी फिएस्टा 2025 के सफल आयोजन करने के लिए साइकोलॉजी विभाग की प्राध्यापिका मैडम निहारिका एवं मैडम हरप्रीत कौर के प्रयासों की भरपूर सराहना करते हुए कहा कि वे भविष्य में भी इसी तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करते रहे ताकि विद्यार्थियों की ऊर्जा का सकारात्मक रूप से उपयोग हो सके।