आईएएस अधिकारी प्रतीक जराड ने केएमवी के छात्राओं को सिविल सेवा सेमिनार के दौरान किया प्रेरित

जालंधर (मोहित अरोड़ा) :- कन्या महा विद्यालय (स्वायत्त) छात्राओं के समग्र विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है। कॉलेज में प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं के लिए समर्पित शिक्षकों की अथक मेहनत के कारण प्लेसमेंट में उत्कृष्टता की निरंतर परंपरा बनी हुई है। इसी क्रम में“सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कैसे करें”विषय पर एक सेमिनार आयोजित किया गया। इस सेमिनार के प्रमुख वक्ता प्रतीक जराड (आईएएस, एजीएमयुटीकैडर) और मयंक सिंह (शैक्षणिक कोच एवं मोटिवेशनल स्पीकर) थे। यह कार्यशाला स्नातक(सेमेस्टर IV और VI) एवं परास्नातक (सेमेस्टर II और IV)के छात्राओं के लिए आयोजित की गई, जिसमें 200 से अधिक छात्राओं ने भाग लिया। सेमिनार के दौरान मयंक सिंह ने बताया कि यूपीएससी परीक्षा जटिल नहीं बल्कि कठिन होती है, क्योंकि इसके मूल्यांकन मान दंड चुनौती पूर्ण होते हैं। उन्होंने आईएएस, पीसीएस, रक्षा सेवाओं, आईआरएस जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाओं की तैयारी एवं उनकी विभिन्न प्रक्रियाओं पर प्रकाश डाला। छात्राओं को इन परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण टिप्स दिए गए और उन्हें अनुशासित व प्रेरित रहने के लिए प्रोत्साहित किया गया। प्रतीक जराड ने अपने संघर्ष एवं सफलता की कहानी साझा करते हुए बताया कि इंजीनियरिंग से लेकर यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण कर भारतीय प्रशासनिक सेवामें चयनित होने तक का सफर उनके लिए चुनौती पूर्ण था। उन्होंने दोहराया किकोई भी छात्र अपने पारिवारिक या शैक्षिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना इस परीक्षा की तैयारी कर सकता है और सफल हो सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि कोई निश्चित अध्ययन पैटर्न नहीं होता, और अध्ययन के घंटों की संख्या प्रत्येक छात्र की ग्रहण शीलता पर निर्भर करती है। लेकिन यदि सही समय पर लक्ष्य निर्धारित किए जाएं और असफलताओं के बावजूद समर्पण व एकाग्रता बनाए रखी जाए, तो किसी भी सिविल सेवा परीक्षा को सफलता पूर्वक पास किया जा सकता है। कार्यशाला का समापन एकसकारात्मक चर्चाके साथ हुआ, जिसमें छात्राओं की शंकाओं का समाधान प्रतीक जराड और मयंक सिंह ने प्रभावी ढंग से किया। प्रग्नेश ने भी इन परीक्षाओं में आवेदन की प्रक्रिया को लेकर छात्राओं का मार्गदर्शन किया। कार्यशाला के अंत मेंडॉ. सबीना बत्रा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कॉलेज की प्राचार्याप्रो. (डॉ.) अतीमा शर्मा द्विवेदी ने महिला सशक्ति करण और आर्थिक स्वतंत्रताके महत्व पर जोर दिया। उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत, समर्पण, धैर्य और दृढ़ संकल्प की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। प्राचार्या ने प्रति स्पर्धात्मक परीक्षा केंद्र के योगदान की सराहना की और इस सफल आयोजन के लिए डॉ. सबीना, डॉ. प्रदीप, डॉ. अर्चना, डॉ. इकबाल और संजना सहित पूरी टीम को बधाई दी।

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