जालंधर (मोहित अरोड़ा) :- कन्या महा विद्यालय (स्वायत्त) के पीजी भौतिकी विभाग ने ‘ब्रेकिंग बैरियर्स: ग्लास साइंस फॉर टुमॉरो’ शीर्षक से एक ज्ञानवर्धक व्याख्यान आयोजित किया, जिसमें प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रो. अरुण वर्श्नेया ने मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया। प्रो. वर्श्नेया, जो कि द सोसाइटी ऑफ ग्लास टेक्नोलॉजी,शेफ़ील्ड, यूके के अध्यक्ष हैं और जिन्हें ग्लास गुरु के रूप में भी जाना जाता है, ने अपने व्याख्यान के दौरान ग्लास विज्ञान में नवीनतम प्रगति पर गहन जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ग्लास साइंस नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स, वास्तुकला और जैव-चिकित्सा अनुप्रयोगों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकती है।उन्होंने छात्राओं को ग्लास के रासायनिक सशक्तिकरण (केमिकल स्ट्रेंथनिंग) की प्रक्रिया को भी समझाया और इस तकनीक की महत्ता को उजागर किया, विशेष रूप से ईपीआईपेन के लिए एक रासायनिक रूप से मजबूत ग्लास कार्ट्रिज की बाजार मांग को पूरा करने में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने विद्यार्थियों को बड़े सपने देखने और उत्कृष्ट सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया तथा चिकित्सा क्षेत्र में ग्लास की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी चर्चा की।प्रो. वर्श्नेया के व्याख्यान ने इस बात को स्पष्ट किया कि ग्लास अनुसंधान एक बहुआयामी क्षेत्र है, और सामग्री विज्ञान में नवाचार कैसे पारंपरिक बाधाओं को तोड़कर भविष्य की चुनौतियों का समाधान प्रदान कर रहे हैं। व्याख्यान के बाद एक संवादात्मक सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें उत्सुक छात्राओं ने प्रो. वर्श्नेया से कई प्रश्न पूछे। छात्राओं ने इस सत्र को अत्यंत प्रेरणादायक बताया और कहा कि प्रो. वर्श्नेया की जानकारी ने उनके ग्लास साइंस और उसकी असीम संभावनाओं को समझने की दिशा में नया दृष्टिकोण दिया।प्राचार्या प्रो. डॉ. अतीमा शर्मा द्विवेदी ने कहा कि केएमवी हमेशा छात्राओं को अंतरराष्ट्रीय मंचों से जोड़ने और प्रतिष्ठित विशेषज्ञों से मिलने के अवसर प्रदान करने में अग्रणी भूमिका निभाता है। उन्होंने भौतिकी पीजी विभाग के प्रयासों की सराहना की और इस सफल आयोजन के लिए बधाई दी।
