76वां गणतंत्र दिवस: मंत्री जयंत चौधरी ने 100 उद्यमियों को सम्मानित किया; कुशल कार्यबल की वैश्विक मांग का उल्लेख किया

दिल्ली/जालंधर (ब्यूरो) :- कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा मंत्रालय के राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर कौशल भवन में आयोजित विशेष कार्यक्रम में संपूर्ण भारत के उन 100 प्रतिष्ठित उद्यमियों की उपलब्धियों की सराहना की जो देश में कौशल निर्माण के तंत्र से जुड़े हुए हैं। भारत सरकार की ओर से आमंत्रित इन उद्यमियों को गणतंत्र दिवस की परेड में विशेष अतिथि के रूप में सम्मानित भी किया गया और कौशल भारत मिशन के अंतर्गत राष्ट्र के विकास और नवाचार को आगे बढ़ाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया गया। इस दौरान चौधरी ने दावोस में विश्व आर्थिक मंच – WEF2025 की वार्षिक बैठक में वैश्विक व्यापार जगत के दिग्गजों के साथ बातचीत से प्राप्त जानकारियां साझा कीं। उन्होंने कहा कि भारत के कुशल कार्यबल को वैश्विक स्तर पर अपार मान्यता मिल रही है, साथ ही हमारी प्रतिभाओं की व्यापक रूप से सराहना की जा रही है। चौधरी ने कहा कि वैश्विक कौशल राजधानी के रूप में हमारा उत्थान उत्कृष्टता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। सतत विकास के साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों और महिलाओं के नेतृत्व में विकास पर ध्यान केंद्रित करने के मुद्दे दावोस में हुई चर्चा के केंद्र में रहे। भारत का स्टार्ट-अप इकोसिस्टम दुनिया में सबसे विशाल है। इसमें 118 यूनिकॉर्न शामिल हैं, जिनकी कीमत 354 बिलियन अमरीकी डॉलर है। ऐसे स्टार्ट-अप के निर्माण की यह सफलता दूरदर्शी नीतियों, प्रभावी क्रियान्वयन और उद्यमियों की सामर्थ्य से प्रेरित है। इस दौरान सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित किया गया। इसमें 6 करोड़ 30 लाख ऐसे उद्यम शामिल हैं, जो 11 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं। इनका सकल घरेलू उत्पाद में योगदान 30% और निर्यात में 45% है। इसके अतिरिक्त, कौशल भारत मिशन के परिवर्तनकारी प्रभाव का भी उल्लेख किया गया तथा युवाओं को सशक्त बनाने और आत्मनिर्भरता (आत्मनिर्भर भारत) को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका पर बल दिया गया।

जयंत चौधरी ने कुशल प्रतिभाओं के स्रोत के रूप में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए उपस्थित उद्यमियों की सराहना की। उन्होंने कहा, “इस राष्ट्रीय समारोह में 100 उद्यमियों की भागीदारी कौशल के क्षेत्र में हमारी पहलों के प्रभाव को रेखांकित करती है। इन कार्यक्रमों ने देश भर में लोगों को सशक्त बनाया है, दीर्घकालिक आजीविका का सृजन किया है और दूसरों को उद्यमशीलता की यात्रा के लिए प्रेरित किया है।” उन्होंने राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ और पूर्वोत्तर सहित विभिन्न क्षेत्रों के इन उद्यमियों की कड़े परिश्रम पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम में झारखंड के रामगढ़ निवासी उद्यमी ऋतेंद्र प्रसाद को विशेष रूप से सम्मानित किया गया, जिन्हें एवीआईटी चेन्नई से इलेक्ट्रिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स में स्नातक उपाधि प्राप्त करने के बाद सौर ऊर्जा क्षेत्र में एक दशक का लंबा अनुभव है। उन्होंने राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (NIESBUD) से उद्यमिता विकास कार्यक्रम (EDP) का अध्ययन किया और फिर अपना स्वयं का सौर व्यवसाय शुरु किया। विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम में 9 महिला उद्यमियों सहित पूर्वोत्तर के 16 अग्रणी उद्यमियों को सम्मानित किया गया। इनमें असम के धुबरी जिले की नमिता एम. मारक और उदलगुरी जिले की श्रीमती मंदिरा बगलारी शामिल थीं। इन विशिष्ट महिलाओं को महत्वपूर्ण चुनौतियों के बावजूद अपनी सामर्थ्य के प्रदर्शन और सफलता के लिए सम्मानित किया गया। उनकी कहानियां विशेष रूप से ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों की महिलाओं के लिए कौशल विकास और उद्यमिता की परिवर्तनकारी शक्ति को उजागर करती हैं।
संविधान का सम्मान
मंत्री महोदय ने भारतीय संविधान की शाश्वत विरासत के संबंध में भी अपने विचार व्यक्त किये, जो समानता, न्याय और अवसरों की रक्षा करते हुए भारत के लोकतांत्रिक लोकाचार की मजबूती के लिए रीढ़ के रूप में कार्य करता है।
इस कार्यक्रम में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के कर्मचारी और शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया। उनमें मंत्रालय की संयुक्त सचिव हेना उस्मान भी शामिल थीं। इससे पहले शनिवार को ये 100 उद्यमी प्रधानमंत्री संग्रहालय भी देखने पहुंचे। यह उत्सव भारत के लिए गौरवशाली पल था, जिसमें सरकारी पहलों की शक्ति, कुशल कार्यबल की उपलब्धियों और उद्यमशीलता द्वारा संचालित उज्ज्वल और समावेशी भविष्य की संभावना प्रदर्शित हुई।

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