आदेश का उल्लंघन करने पर 5 साल तक की जेल या एक लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते
जालंधर (अरोड़ा) :- जिला मैजिस्ट्रेट डा. हिमांशु अग्रवाल ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 की धारा 163 के तहत अधिकारों का प्रयोग करते हुए जिला जालंधर में पतंग उड़ाने के लिए उपयोग की जाने वाली चाइना डोर/मांझा, नायलॉन, प्लास्टिक या सिंथेटिक सामग्री या किसी भी समान से बनी डोर/धागे का निर्माण किया सिंथेटिक/ग्लास/तेज धातु अघुलनशील कोटिंग के साथ लेपित कॉर्ड/यार्न, पतंग उड़ाने के लिए बिक्री, भंडारण, खरीद, सप्लाई, आयात और उपयोग सख्त वर्जित है। जिला मैजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 (क्रमांक 29 सन् 1986) की धारा 5 या उसके तहत बने नियमों का उल्लंघन करने वालों को 5 साल तक की कैद और/ या उक्त अधिनियम की धारा 15 के तहत 1 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि पतंग उड़ाने की अनुमति केवल सूती दागे से होगी, जो किसी भी प्रकार की तेज धातु/कांच या धागे को मजबूत करने के लिए चिपकाई गई सामग्री से मुक्त हो। ये आदेश 14-03-2025 तक लागू रहेंगे।