अमृतसर (अरोड़ा) :- शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास अमृतसर की ओर से पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी के रीजनल कैम्पस अमृतसर में भारतीय ज्ञान परम्परा विषयाधारित एक दिवसीय संगोष्ठी आयोजित की गयी। इसमें शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास उत्तर क्षेत्र एवं पश्चिम उत्तर प्रदेश के संयोजक जगराम ने सम्बोधित किया। न्यास से पंजाब के सह संयोजक डॉ संजय चौहान ने उपस्थिति का विधिवत स्वागत किया। प्रथम सत्र विद्यार्थियों को समर्पित था, जिसमें जगराम जी ने विद्यार्थियों से बात करते हुए उनके शिक्षा के उद्देश्य को जाना। सभी ने उत्साहित होकर अपने-अपने लक्ष्य को साझा किया। एक अच्छा विद्यार्थी, एक अच्छा इंसान कैसे बन जाए इस विषय पर जगराम जी ने मार्मिक एवं महत्वपूर्ण उदबोधन दिया एवं अपनी संस्कृति और संस्कार से जुड़ने, माता-पिता के सम्मान और संस्कारों पर जोर दिया। दूसरे सत्र में अमृतसर के विभिन्न विद्यालयों, महाविद्यालयो एवं विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों के साथ वार्ता हुई। हम विद्यार्थियों को क्या पढ़ाना चाहते हैं?
उनके साथ विस्तृत विचार विमर्श के उपरान्त जगराम ने उपस्थित शिक्षकों को भारतीय ज्ञान परम्परा के अनुसार शिक्षा की अवधारणा के अंतर्गत शिक्षा के विविध पड़ावों जैसे पारिवारिक शिक्षा, पुरोहित शिक्षा, सामाजिक शिक्षा, आध्यात्मिक शिक्षा आदि पर शोधपरक संक्षिप्त पाठ्यक्रम तैयार करने का आग्रह किया। यह कार्यक्रम शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास पंजाब के सह संयोजक डॉ संजय चौहान, वैदिक गणित के संयोजक डॉ आशीष अरोड़ा, साहिल महाजन और अमृतसर केंद्र के संयोजक विक्रम शर्मा के संयुक्त प्रयास से संपन्न हुआ। इस संगोष्ठी में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय से हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ सुनील ,पंजाबी विभागाध्यक्ष डॉ मंजिंदर सिंह ,बी.बी.के.डी.ए. वी से डॉ शैली जग्गी, पी टी यू कपूरथला से मृगेन्द्र सिंह बेदी, डी.ए. वी. कॉलेज से डॉ सीमा शर्मा, विश्वविद्यालय से प्रो धीरिका शर्मा, खालसा कॉलेज से प्रो राकेश शर्मा डॉ शशि सूरी, डॉ पूर्णिमा राय, नवदीप सहित अमृतसर की अनेक संस्थाओं और स्कूलों के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए।डॉ आशीष अरोड़ा ने सभी का आभार ज्ञापन किया।