जालंधर (मोहित अरोड़ा) :- कन्या महा विद्यालय (स्वायत्त), उत्कृष्टता की परंपरा वाला अग्रणी संस्थान, अपने प्रगतिशील पर्यावरणीय पहलों के माध्यम से न केवल अपने परिसर में बल्कि पूरे शहर में एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत करता है। स्थिरता और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को प्रोत्साहित करने के प्रति प्रतिबद्ध, केएमवी ने पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता की दिशा में कई पहलें की हैं और जालंधर शहर को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने में योगदान दिया है। इन पहलुओं में सबसे सराहनीय है स्काईलार्क चौक के पास स्थापित सस्टेनेबिलिटी की मूर्ति। पूरी तरह से केएमवी के छात्रों की रचनात्मकता से निर्मित, यह मूर्ति संस्थान की पर्यावरण चेतना और शिक्षा के माध्यम से सशक्तिकरण की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। नवाचारपूर्ण तकनीकों और पुन: उपयोग किए गए अपशिष्ट पदार्थों से निर्मित यह मूर्ति स्थिरता की भावना को दर्शाती है, जिसे शहरवासियों ने खूब सराहा है। केएमवी ने शहरभर में कई पर्यावरणीय पहलें की हैं, जिनके माध्यम से नागरिकों को जागरूक किया गया है। केएमवी के छात्रों और स्टाफ ने स्वच्छ भारत अभियान में सक्रिय रूप से भाग लिया, शहर के सार्वजनिक स्थानों और पार्कों में नियमित स्वच्छता अभियान चलाए। इसके अलावा, केएमवी द्वारा अपनाए गए गांवों और स्कूलों में भी वृक्षारोपण और स्वच्छता अभियानों का आयोजन किया जाता है। छात्र नियमित रूप से इन स्थानों का दौरा करते हैं, वृक्षारोपण करते हैं और जागरूकता एवं स्वच्छता अभियानों को अंजाम देते हैं। विशेष रूप से देशी और औषधीय पौधों के रोपण पर जोर दिया जाता है। इसके अतिरिक्त, केएमवी के एनसीसी विभाग ने भारत सरकार के सहयोग से प्लास्टिक कचरा संग्रहण के लिए एक विशेष अभियान भी चलाया। कॉलेज नियमित रूप से कार्यशालाओं, संगोष्ठियों और अभियानों का आयोजन करता है ताकि छात्रों और स्टाफ को सतत प्रथाओं के प्रति संवेदनशील बनाया जा सके। पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए केएमवी नियमित रूप से रैलियों का आयोजन करता है, जिसमें प्रदूषण नियंत्रण, जल संरक्षण और जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर किया जाता है। केएमवी परिसर में सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित है, जो ऊर्जा आवश्यकताओं का एक बड़ा हिस्सा पूरा करती है। कॉलेज ने कचरे के पृथक्करण और खाद निर्माण की एक व्यापक प्रणाली लागू की है। जैविक कचरे को खाद में परिवर्तित किया जाता है, जिसका उपयोग परिसर के बगीचों में किया जाता है। अपने “गो ग्रीन ड्राइव” के तहत, केएमवी ने 500 से अधिक पेड़ लगाई हैं, जिससे परिसर की सुंदरता में वृद्धि हुई है। इन प्रयासों को मान्यता देते हुए, केएमवी को ग्रीन कैंपस अवार्ड से सम्मानित किया गया है। इन पहलों पर बात करते हुए, प्राचार्या प्रो. डॉ. अतीमा शर्मा द्विवेदी ने कहा कि केएमवी में, हम मानते हैं कि शिक्षा केवल अकादमिक तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जिम्मेदार नागरिकों को तैयार करने का भी माध्यम है, जो पर्यावरण की परवाह करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि केएमवी समाज की सेवा और शहर को अधिक हरा-भरा और स्वच्छ बनाने के प्रयासों को पूरी प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ जारी रखेगा।
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