जालंधर (अरोड़ा) :- एपीजे स्कूल मॉडल टाउन जालंधर में क्रिसमस का आयोजन किया गया। एपीजे एजुकेशन सोसाइटी के संस्थापक सम्माननीय डॉक्टर सत्यपाल जी और एपीजे एजुकेशन सोसाइटी की अध्यक्षा सुषमा पॉल बर्लिया के नेतृत्व में यह कार्यक्रम स्कूल के समग्र शिक्षा के मिशन को जारी रखते हुए आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम ने धर्मनिरपेक्ष सांस्कृतिक पहल को शैक्षणिक उत्कृष्टता के साथ जोड़ा।क्रिसमस के इस आयोजन में पहली से दसवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह की प्रार्थना सभा से हुई। विद्यार्थियों ने क्रिसमस कैरोल गाकर और अपनी शानदार प्रस्तुतियां देकर रंग बिखेरा। इसके बाद विद्यार्थियों ने “जिंगल बेल” और “मैरी क्रिसमस” की धुनों पर नृत्य और गीतों के माध्यम से क्रिसमस के महत्व को दर्शाया। विशेष रूप से, “ईसा मसीह का जीवन और उनके उपदेश” पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। इस व्याख्यान ने बच्चों को प्रेरित किया और उन्हें प्रेम व भाईचारे के संदेश से जोड़ा।इस दौरान, सैंटा क्लॉज का रूप धारण कर छोटे बच्चों ने अपनी कला से क्रिसमस समारोह को जीवंत किया। सैंटा क्लॉज ने बच्चों को टॉफियां भी बांटीं, जिसे देखकर बच्चों में खुशी की लहर दौड़ गई।इस अवसर पर स्कूल की कार्यवाहक प्रधानाचार्या प्रियंका ग्रोवर ने विद्यार्थियों को क्रिसमस दिवस की शुभकामनाएं दीं और उन्हें आपसी प्रेम ,मिलजुल कर रहने और दूसरों की सेवा करने की प्रेरणा दी।विद्यार्थियों ने इस दिन विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया और क्रिसमस के मौके को यादगार बना दिया।
हर कक्षा में क्रिसमस से संबंधित विभिन्न रचनात्मक गतिविधियां करवाई गई जिसमें क्रिसमस ट्री, स्नोमैन, स्नोफ्लेक आदि। इस दिन विद्यार्थी रंग-बिरंगे परिधानों में आए और अपने साथ घर का बना हुआ स्वादिष्ट भोजन लेकर आए। दोपहर में सामूहिक भोज का आयोजन किया गया, जहां सभी बच्चों ने एक साथ मिलकर भोजन का आनंद लिया। यह गतिविधि केवल खान-पान तक सीमित नहीं थी, बल्कि बच्चों के बीच मेलजोल और मित्रता की भावना को मजबूत करने का भी माध्यम बनी। क्रिसमस कार्यक्रम ने विद्यार्थियों को क्रिसमस का सच्चा अर्थ “दूसरों की सेवा और प्रेम” अपनाने की प्रेरणा दी। यह समारोह केवल मनोरंजन का अवसर नहीं था, बल्कि बच्चों को क्रिसमस के आदर्शों और संस्कारों से जोड़ने का महत्वपूर्ण अवसर था। इस दिन को और भी यादगार बनाने के लिए स्कूल द्वारा चलाए फूड ड्राइव अभियान में भी बच्चों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। सभी के सामूहिक प्रयासों से यह दिन यादगार बन गया।