संगीत, संस्कृति और पर्यटन का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण, इस पहल का उद्देश्य संगीत, पर्यटन और विरासत को बढ़ावा देना है
140 चर्चित प्रतिभाशाली कलाकार 35 प्रस्तुतियां देंगे
दिल्ली/जालंधर (ब्यूरो) :- कर्नाटक संगीत, पारंपरिक शिल्प और पाककला विरासत का एक भव्य उत्सव, कृष्णवेणी संगीत नीरजनम का दूसरा संस्करण 6 से 8 दिसंबर, 2024 तक विजयवाड़ा के तुम्मलपल्ली क्षेत्रय्या कलाक्षेत्र सभागार में आयोजित किया जाएगा। भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा संस्कृति मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय और आंध्र प्रदेश पर्यटन के सहयोग से आयोजित यह उत्सव भारत की सांस्कृतिक समृद्धि का एक उल्लेखनीय प्रदर्शन होने का अपने आप में एक श्रेष्ठ उदाहरण है।
इस कार्यक्रम में तीन दिनों में 35 प्रस्तुतियां होंगी, जिसमें 140 चर्चित प्रतिभाशाली कलाकार भाग लेंगे, जिनमें अनुभवी और उभरती हुई प्रतिभाएं दोनों शामिल हैं। यह कार्यक्रम 6 से 8 दिसंबर, 2024 तक विजयवाड़ा के तीन प्रतिष्ठित स्थानों पर आयोजित किया जाएगा:
- उत्सव का मुख्य स्थल- तुम्मल्लापल्लीवारी क्षेत्र कलाक्षेत्रम् होगा।
- दुर्गा घाट, जहां 7 दिसंबर को सुबह 8:30 बजे त्यागराज की पंचरत्न कृतियों का पाठ किया जाएगा।
- कनक दुर्गा मंदिर, जहां 8 दिसंबर को सुबह 8:30 बजे देवी कृतियों का प्रदर्शन किया जाएगा।
प्रत्येक दिन एक अनूठे संगीतमय अनुभव से सराबोर किया जाएगा:
पहले दिन (6 दिसंबर) को 11 आकर्षक प्रस्तुतियां होंगी, जिनमें नागस्वरम, हरिकथा, गायन संगीत कार्यक्रम और नाम संकीर्तन शामिल होंगे।
दूसरे दिन (7 दिसंबर) को 11 अन्य प्रस्तुतियां दी जाएंगी, जिनमें पंचरत्न कृतियां, बांसुरी वादन आदि का आनंद लिया जाएगा।
तीसरे दिन (8 दिसंबर) का समापन 13 मंत्रमुग्ध कर देने वाले प्रदर्शनों के साथ होगा, जिनमें देवी कृतियां, मैंडोलिन वादन और त्यागराज दिव्य नाम कृतियां शामिल होंगी।
इस महोत्सव में दिग्गज तेलुगु संगीतकारों के योगदान का जश्न मनाया जाएगा और कर्नाटक संगीत के काव्यात्मक सौंदर्य को उजागर किया जाएगा। इसके माध्यम से इसका उद्देश्य दर्शकों को भारत की शास्त्रीय परंपराओं से जोड़ना है और राज्य की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना है।
इस अवसर पर अनेक गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थित रहेगी। केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा पर्यटन राज्य मंत्री सुरेश गोपी मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। मुख्य अतिथि के रूप में आंध्र प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति एवं सिनेमैटोग्राफी मंत्री कंडुला दुर्गेश होंगे। अन्य गणमान्य व्यक्तियों में विजयवाड़ा के सांसद केसिनेनी शिवनाथ तथा आंध्र प्रदेश के पर्यटन सचिव विनय चंद शामिल होंगे। उनके साथ मंच पर विजयवाड़ा सेंट्रल के विधायक बोंडा उमामहेश्वर राव, एपी पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष एन. बालाजी, एपी राज्य रचनात्मकता एवं संस्कृति आयोग की अध्यक्ष पी. तेजस्वी, एपी नाटक अकादमी के अध्यक्ष गुम्मादी गोपाल कृष्ण तथा पर्यटन मंत्रालय के वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार श्री ज्ञान भूषण भी शामिल होंगे। इस उत्सव का आकर्षण बढ़ाने के लिए कपड़ा मंत्रालय द्वारा आयोजित एक विशेष हेरिटेज शोकेस भी है। इस प्रदर्शनी में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के जीआई-टैग वाले उत्पाद प्रदर्शित किए जाएंगे, जिनमें मंगलागिरी कॉटन, उप्पाडा जामदानी, धर्मावरम सिल्क और पोचमपल्ली इकत जैसी प्रतिष्ठित हथकरघा साड़ियां शामिल हैं। कोंडापल्ली लकड़ी के खिलौने, कलमकारी पेंटिंग, नरसापुर क्रोकेट लेस, लकड़ी के कटलरी और चमड़े की कठपुतली जैसी शिल्प वस्तुएं भी प्रदर्शित की जाएंगी, जो आगंतुकों को क्षेत्र की समृद्ध कारीगर परंपराओं की झलक दिखाएंगी।
तिरुपति स्थित भारतीय पाककला संस्थान आंध्र प्रदेश की पाककला विरासत को दर्शाने वाला एक खाद्य स्टाल लगाएगा, जिससे आगंतुकों को क्षेत्रीय स्वाद का आनंद लेने का मौका मिलेगा। इसके अतिरिक्त, आंध्र प्रदेश पर्यटन राज्य के प्रसिद्ध आकर्षणों और कम प्रसिद्ध रत्नों के बारे में जानकारी प्रसारित करने के लिए एक पर्यटन मंडप की मेजबानी करेगा। कृष्णवेणी संगीत नीरजनम एक उत्सव से कहीं बढ़कर है। यह संगीत, संस्कृति और पर्यटन का एक अद्भुत सामंजस्यपूर्ण मिश्रण है। इसका उद्देश्य आंध्र प्रदेश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध संपदा को प्रदर्शित करके “संगीत पर्यटन” को बढ़ावा देना है, जिससे राज्य को सांस्कृतिक रूप से दृष्टिसंपन्न लोगों के लिए एक प्रमुख स्थल के रूप में स्थापित किया जा सके। यह तीन दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव दर्शकों को मंत्रमुग्ध करते हुए उसे समृद्ध करेगा, जिससे यह संगीत प्रेमियों, सांस्कृतिक पारखी और पर्यटकों के लिए एक अनिवार्य कार्यक्रम बन जाएगा।
पर्यटन मंत्रालय 6 से 8 दिसंबर 2024 तक विजयवाड़ा के पर्यटकों, आगंतुकों और निवासियों को भारत की सांस्कृतिक विरासत के इस भव्य उत्सव का गवाह बनने के लिए आमंत्रित करता है। इस कार्यक्रम का पर्यटन मंत्रालय के यूट्यूब चैनल ‘@ministryoftourismgoi’ पर सीधा प्रसारण भी किया जाएगा।