जालंधर (अरोड़ा) :- एपीजे कॉलेज ऑफ़ फाइन आर्ट्स जालंधर एपीजे एजुकेशन के संस्थापक अध्यक्ष डॉ सत्यपाॅल जी की प्रेरणा एवं एपीजे एजुकेशन तथा एपीजे सत्या एंड स्वर्ण ग्रुप की अध्यक्ष तथा एपीजे सत्या यूनिवर्सिटी की चांसलर सुषमा पाॅल बर्लिया एवं डॉ नेहा बर्लिया के निरंतर मार्गदर्शन में ललित एवं परफोर्मिंग आर्टस की देश की समृद्ध धरोहर को सहेजने एवं भावी पीढ़ी तक उसे पहुंचाने में निरंतर प्रयासरत है। एपीजे कॉलेज परफॉर्मिंग आर्ट्स के विद्यार्थियों के लिए एक ऐसा मंच प्रदान करता है तथा उनके लिए इस तरह के आयोजन करता है जिसके माध्यम से विद्यार्थी न केवल स्वयं की प्रतिभा को निखारते हैं बल्कि क्षेत्र विशेष में प्रतिष्ठित कलाकारों की प्रस्तुतियां एवं उनके अनुभव को देखकर भी बहुत कुछ सीखते हैं।
इसी परंपरा को कायम रखते हुए कॉलेज में जालंधर स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन एवं वर्ल्ड क्लास ऑर्गेनाइजे़शन के संयुक्त सौजन्य से ‘मास्टर जी’ नाटक का सफलतापूर्वक मंचन किया गया। इस विशेष अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में माननीय डिप्टी कमिश्नर डॉ हिमांशु अग्रवाल उपस्थित हुए एवं विशेष अतिथि के रूप में आर्ट्स, कल्चर एंड लैंग्वेजेस गवर्नमैंट ऑफ दिल्ली के एडवाइजर दीपक बाली उपस्थित हुए। एपीजे एजुकेशन जालंधर की निदेशक डॉ सुचरिता शर्मा एवं एपीजे कॉलेज ऑफ़ फाइन आर्टस जालंधर की प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने अतिथिवृंद का भव्य स्वागत किया तथा अपने भाव व्यक्त करते हुए कहा कि यह हमारे कॉलेज के विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकवृंद के लिए परम सौभाग्य का विषय है कि वह इतने सुविख्यात नाटक मंचन के साक्षी बनेंगे। दीपक बाली ने कार्यक्रम का आगाज़ करते हुए कहा कि एपीजे कॉलेज कला के क्षेत्र में न केवल पंजाब बल्कि पूरे भारत में अपनी विशिष्ट पहचान बनाए हुए है। डॉ सुचरिता शर्मा एवं डॉ नीरजा ढींगरा के मार्गदर्शन में यूथ फेस्टिवल के क्षेत्र में निरंतर कालेज बुलंदियों को चूमता रहा है। उन्होंने कहा राणा रणबीर न केवल अभिनेता, लेखक, निर्देशक है बल्कि इंसान के रूप में भी अपनी विशिष्ट पहचान बनाए हुए हैं।
रणबीर राणा एवं जसवंत जफर द्वारा रचित ‘मास्टर जी’ नाटक का मंचन विश्व के 11 विभिन्न देशों लंदन, टोरंटो आदि में तथा भारत के विभिन्न प्रदेशों में अभी तक 90 बार मंचन हो चुका है आज 91वीं बार इसका मंचन कालेज में हो रहा है।राणा रणबीर द्वारा निर्देशित इस नाटक में जहां एक तरफ जीवन की समस्याओं को दिखाया गया है वहां दूसरी तरफ हंसते,खिलखिलाते कैसे उन्हे समस्याओं का सामना करते हुए सकारात्मक सोच के साथ खुशहाल जिंदगी की और आगे बढ़ा जा सकता है यह भी बताया गया। राणा रणबीर एवं राजवीर बोपाराए द्वारा अभिनीत इस नाटक में जहां एक तरफ सामाजिक समस्याओं जैसे पैरंट्स-चाइल्ड रिलेशनशिप, टीचर- स्टूडेंट रिलेशनशिप, हस्बैंड वाइफ रिलेशनशिप, एवं सोशल मीडिया ने किस तरह मनुष्य को अपना गुलाम बना लिया है इन संवेदनशील विषयों को दर्शाते हुए हंसते-हंसाते इनके समाधान को भी प्रस्तुत किया गया है। यह नाटक जिंदगी में रिश्तों के महत्व को दिखाता है साथ ही साथ यह भी संदेश देता है कि शारीरिक सुंदरता से ज्यादा महत्वपूर्ण अपने व्यक्तित्व का विकास करना है। पंजाबियों के खोखलेपन पर भी यह नाटक कटाक्ष करता है। नाटक का मूलभाव धैर्य एवं सहनशीलता के साथ ही हम अपने रिश्तों को बाखूबी निभा सकते हैं।