Wednesday , 5 February 2025

डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल एकीकरण पर केंद्रित वेबिनार, पंचायती राज संस्थाएं नागरिक-केंद्रित सेवाएं देने में अग्रणी

कर्नाटक, गुजरात और केरल ने पंचायती राज में डिजिटल गवर्नेंस नवाचारों का उदाहरण प्रस्तुत किया

दिल्ली/जालंधर (ब्यूरो) :- राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस वेबिनार श्रृंखला (एनईजीडब्ल्यू 2023-24) के अंतर्गत 11 नवंबर 2024 को “पंचायती राज संस्थाओं द्वारा प्रदत्त नागरिक-केंद्रित सेवाएँ” विषय पर विशेष वेबिनार आयोजित किया गया। पंचायती राज मंत्रालय और प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने संयुक्त रूप से इसका आयोजन किया। यह वेबिनार ग्रामीण भारत में सेवाएं प्रदान करने के लिए डिजिटल उपायों से होने वाले परिवर्तनों के प्रभाव पर चर्चा करने का एक महत्वपूर्ण मंच बना। इसमें ग्रामीण समुदायों के लिए समावेशी, सुलभ और नागरिक केंद्रित शासन का मॉडल बनाने पर विशेष जोर दिया गया। वेबिनार में देश भर से ग्राम पंचायतों और पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों की व्यापक भागीदारी देखी गई। पंचायती राज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज ने अपने संबोधन में ग्रामीण सेवा प्रदान करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने में डिजिटल सुविधाओं को आपस में जोड़े जाने की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि मंत्रालय की प्रतिबद्धता अलग-अलग पोर्टलों को आपस में जोड़कर पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) को सशक्त बनाने में है। इस तरीके से ग्रामीण नागरिकों के लिए आवश्यक सेवाओं तक पहुँच को आसान बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विभिन्न सेवा वितरण पोर्टलों को एक साथ जोड़ कर पंचायती राज संस्थाएं उन तक लोगों की पहुँच को सरल बना सकती हैं, कार्यकुशलता बढ़ा सकती हैं और ग्रामीण शासन के आधुनिक तथा उत्तरदायी ढांचे को प्रोत्साहन दे सकती हैं। भारद्वाज ने इस प्रयास को मंत्रालय के समावेशी और सतत ग्रामीण विकास के व्यापक दृष्टिकोण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।

विशेष वेबिनार के प्रारंभिक वक्तव्य में प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सचिव वी. श्रीनिवास ने पंचायती राज प्रणाली की नींव के रूप में नागरिक-केंद्रित शासन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने ग्रामीण जनसंख्या तक आवश्यक सेवाएँ उपलब्ध कराने में पंचायती राज संस्थाओं की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की और कर्नाटक के पंचमित्र, गुजरात के ईसेवा और केरल के आईएलजीएमएस सहित राज्यों की ओर से की गई पहलों को प्रभावी डिजिटल शासन के लिए मानक बताया। उन्होंने कहा कि इन मॉडल से पता चलता है कि पंचायती राज संस्थाएं किस तरह से पारदर्शिता, सेवाओं तक नागरिकों की पहुँच और उनके लिए सीधी सेवा की सुविधाएं बढ़ा सकती हैं, जो ग्रामीण भारत में डिजिटल शासन के लिए नमूने के रूप में काम करेगी। पंचायती राज मंत्रालय के संयुक्त सचिव (शासन) आलोक प्रेम नागर ने 2021 के सिटिजन चार्टर अभियान सहित डिजिटल क्षेत्र में मंत्रालय की ओर से हाल में हुई प्रगति के बारे में विस्तार से बताया। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विभिन्न प्रकार प्रमाणपत्र और मनरेगा से जुड़े लाभ प्राप्त करने जैसी आवश्यक सेवाओं तक ग्रामीण नागरिकों की पहुंच में कोई बाधा न हो। उन्होंने ग्रामीण लोगों की विशिष्ट आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उत्तरदायी, लोक-केंद्रित ग्रामीण प्रशासन के निर्माण में पंचायत केंद्रित मजबूत रणनीतियों के साथ डिजिटल सुविधाओं के महत्व पर जोर दिया। वेबिनार का उद्देश्य डिजिटल रूप से सक्षम, नागरिक केंद्रित ग्रामीण शासन मॉडल बनाना है और इसमें “विकसित भारत” के व्यापक दृष्टिकोण की झलक मिली। पंचायती राज मंत्रालय सहयोग, नवाचार और कामकाज के सर्वोत्तम तौर-तरीकों को साझा करके ऐसा माहौल तैयार कर रहा है जिसके माध्यम से पंचायतें विकास में सबसे आगे रहती हैं और सभी ग्रामीण नागरिकों के लिए कुशलता और पारदर्शिता के साथ आसान पहुंच की प्राथमिकता के साथ सेवाएं प्रदान करती हैं। कर्नाटक की अतिरिक्त मुख्य सचिव (पंचायती राज) उमा महादेवन, तमिलनाडु के अपर मुख्य सचिव (पंचायती राज) गगनदीप सिंह बेदी, केरल की प्रमुख सचिव (पंचायती राज) शर्मिला मैरी जोसेफ, गुजरात की प्रमुख सचिव (पंचायती राज) मोना खंधार, तेलंगाना के प्रमुख सचिव (पंचायती राज) लोकेश कुमार और महाराष्ट्र के प्रमुख सचिव (पंचायती राज) एकनाथ धावले सहित विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी वेबिनार में शामिल हुए। उन्होंने ग्राम पंचायत स्तर पर प्रभावी तरीके से सेवा प्रदान करने के संबंध में व्यावहारिक विचार साझा किए। उन्होंने यह भी कहा कि कर्नाटक, केरल और गुजरात में शहरी स्थानीय निकाय अब ग्रामीण स्थानीय निकाय प्रणालियों के सर्वोत्तम तौर-तरीकों को अपनाने की संभावनाओं की तलाश कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में शासन और सेवा की कुशलता को बढ़ाना है। उनके योगदान ने राज्यों में कामकाज के सर्वोत्तम तौर-तरीके साझा करने और उनसे सीखने के महत्व पर बल दिया है, जिससे जमीनी स्तर पर मजबूत और अधिक लचीला शासन ढांचा तैयार हुआ है।

Check Also

वेव्स 2025 लाइव प्रसारण में गलत सूचना से निपटने के लिए एआई-संचालित समाधान पेश करेगा

क्रिएट इन इंडिया चैलेंज के तहत ट्रुथ टेल हैकाथॉन को 5,600 से अधिक वैश्विक पंजीकरण …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *