महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय, बद्दी से मिलकर करवाई गई कार्यशाला, कुलपति प्रो. (डॉ.) सुशील मित्तल ने मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यशाला की अध्यक्षता की
जालंधर (अरोड़ा) :- आई. के. गुजराल पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय (आई.के.जी पी.टी.यू) में महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय (एमएयू), बद्दी के सहयोग से 23-28 सितंबर, 2024 तक ‘शोध पद्धति एवं डेटा विश्लेषण” विषय पर एक सप्ताह की राष्ट्रीय कार्यशाला’ का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला मिश्रित (ऑनलाइन + ऑफलाइन) तौर करवाई गई! कार्यशाला का आयोजन आई.के.जी पी.टी.यू के कुलपति प्रो. (डॉ.) सुशील मित्तल एवं एम.ए.यू के कुलपति प्रो. (डॉ.) आर. के. गुप्ता की पहल पर किया गया है, ताकि छात्रों, शोधार्थियों एवं संकाय सदस्यों को शोध डिजाइन, पद्धति और डेटा विश्लेषणात्मक कौशल में हाल की प्रगति से अवगत करवाया जा सके। कुलपति प्रो. (डॉ.) सुशील मित्तल एवं रजिस्ट्रार डॉ. एस.के. मिश्रा ने टीम को छात्रों एवं शिक्षकों के शैक्षणिक विकास के लिए इस तरह के शैक्षणिक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रेरित किया। विभिन्न कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों से प्रबंधन, कंप्यूटर विज्ञान, इंजीनियरिंग, फार्मास्युटिकल साइंसेज, एप्लाइड साइंसेज, कानून आदि जैसे विभिन्न विषयों से 80 से अधिक छात्रों, शोध विद्वानों एवं संकाय सदस्यों ने कार्यशाला में भाग लिया है। मेजबान आई.के.जी पी.टी.यू, एम.ए.यू और पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ जैसे प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों के संकाय सदस्यों ने संसाधन व्यक्तियों के रूप में कार्य किया और कार्यशाला में विभिन्न तकनीकी सत्र आयोजित किए। प्रो. (डॉ.) उपासना जोशी, निदेशक आईसीएसएसआर, उत्तर पश्चिमी क्षेत्र पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ ने शुभारम्भ के अवसर पर मुख्य भाषण दिया एवं प्रो. डॉ. एच.एल.वर्मा, कुलपति, बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय, रोहतक ने उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता की।
केवल सिंह पठानिया, उप मुख्य सचेतक, आईएनसी, हिमाचल प्रदेश ने 28 सितंबर, 2024 को कार्यशाला के समापन सत्र की अध्यक्षता की। कार्यशाला की सामग्री को शोध डिजाइन, नमूनाकरण की अवधारणाओं, परिकल्पना परीक्षण, विश्लेषण के लिए विभिन्न विश्लेषणात्मक उपकरणों के परिचय के साथ शुरू करने के लिए डिज़ाइन किया गया था! इसमें रिपोर्ट लेखन की कला और विज्ञान का वर्णन किया गया था तथा शोधकर्ता अपने शोध पत्रों को अच्छी गुणवत्ता वाली पत्रिकाओं में प्रकाशन के लिए कैसे तैयार कर सकते हैं, के बारे विस्तार से जानकारी दी गई। आईकेजी पीटीयू के कुलपति प्रो. (डॉ.) सुशील मित्तल ने प्रतिभागियों को कार्यशाला के दौरान अपने शोध में सीखने और शीर्ष स्तरीय, अच्छी गुणवत्ता वाली पत्रिकाओं में शोध पेपर प्रकाशित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि शोध में अखंडता ही शोध का मूल सिद्धांत है। एमएयू के कुलपति प्रो. (डॉ.) आर. के. गुप्ता ने वर्तमान गतिशील वातावरण के दौरान निरंतर सीखने की भूमिका पर जोर दिया और कहा कि डेटा एनालिटिक्स के बारे में सीखना शोधार्थियों और संकाय सदस्यों के लिए उनके शिक्षण एवं अनुसंधान में बहुत उपयोगी होगा।