जज़्बे और दृढ़ इरादे के साथ आगे बढ़ रही अमृतसर की देवी रानी

जालंधर/अमृतसर (ब्यूरो) :- समाज में ऐसी महान शख्सियतों की हमेशा ज़रूरत रहती है, जो सामाजिक-आर्थिक उन्नति और मान्यता के लिए प्रयासरत हों। पंजाब के अमृतसर में कूड़ा इकट्ठा करने वालों को एक ऐसे नेता की कमी थी, लेकिन उन्हें ऐसा नेता देवी रानी के रूप में मिला। पर वित्तीय स्थिरता और टिकाऊपन के लिए देवी का अपना रास्ता आसान नहीं था। 12 साल की उम्र में देवी रानी ने कूड़ा इकट्ठा करने का काम शुरू किया, लेकिन वह अपने काम से खुश नहीं थी। वह ज्यादा कमाई नहीं कर रही थी, इसलिए अपनी जवानी में उसने गली के बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। उसने दसवीं के बाद अपनी पढ़ाई पूरी की और कूड़ा इकट्ठा करने वालों के बच्चों की भी पूरी मदद की। देवी रानी महिलाओं को प्लास्टिक रीसाइक्लिंग, कंपोस्टिंग, और कपड़े के थैले बनाने वाले यूनिट्स से जोड़कर उनके आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कई स्व-सहायता समूहों (SHG) के साथ काम कर रही हैं। वह शहर में कूड़ा इकट्ठा करने वालों के लिए क्षमता निर्माण और उनके परिवारों के लिए समाज कल्याण योजनाओं की सुविधा प्रदान कर रही हैं। देवी रानी ने सैकड़ों कूड़ा इकट्ठा करने वालों को सरकारी योजनाओं जैसे पीएमवीकेवाई, आयुष्मान भारत, पीएमजेडीवाई और अन्य के साथ जोड़ा है। उन्होंने अपने समुदाय में कई स्वास्थ्य और रक्तदान अभियानों का नेतृत्व किया है। देवी रानी के स्व-सहायता समूह की सदस्य कोमल, जैविक खाद और कूड़ा प्रबंधन पर काम करती हैं। स्व-सहायता समूह ने महिलाओं के जीवन में एक परिवर्तनशील बदलाव लाया है, जिनकी आय का एकमात्र स्रोत कूड़ा इकट्ठा करना था।अब वे जैविक खाद तैयार करते हैं और अतिरिक्त आय के लिए घर-घर जाकर बेचते हैं। इसी तरह, उन्होंने पुरुषों के लिए “लक्की” नामक एक स्व-सहायता समूह बनाया जो प्लास्टिक को अलग करने और प्रबंधन से संबंधित है। इस प्रकार, देवी रानी ने अपने निस्वार्थ कार्यों के माध्यम से न केवल अपने लिए एक मुकाम बनाया है, बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा बनी हैं।

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