केएमवी ने 70 मिनट में 2762 राष्ट्रीय पक्षी मोर की चित्रकारी बनाकर एक अद्भुत रिकॉर्ड बनाया

रिकॉर्ड को इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्सद्वारा प्रमाणित और मान्यता दी गई

जालंधर (अरोड़ा) :- कन्या महा विद्यालय (स्वायत्त) ने एक असाधारण उपलब्धि हासिल की है, जिसमें एक घंटे में भारत के राष्ट्रीय पक्षी, मोर के सबसे अधिक चित्र बनाने का रिकॉर्ड बनाया। इस प्रभावशाली उपलब्धि को आधिकारिक रूप से इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्सद्वारा मान्यता दी गई। इस आयोजन का नेतृत्व पी.जी. फैशन डिजाइनिंग विभाग और पी.जी. फाइन आर्ट्स विभाग ने किया।

इस अवसर पर, केएमवी के कुल 467 विद्यार्थियों ने 70 मिनटों में कॉटन स्टेशनरी किट पर 2762 मोर चित्र बनाए। यह पहल कलात्मक कौशल और रचनात्मकता का उत्सव था, जहां छात्रों ने विभिन्न पेस्टल रंगों का उपयोग करते हुए मोर की सुंदरता को जीवंत रूप से चित्रित किया। प्रत्येक चित्र अनोखा था, जो छात्रों की इस कार्य के प्रति निष्ठा और भारत के राष्ट्रीय पक्षी की भावना को पकड़ने की उनकी क्षमता को दर्शाता है। रिकॉर्ड बनाने वाला यह आयोजन केएमवी ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया और इसने न केवल छात्रों की कलात्मक क्षमताओं को उजागर किया, बल्कि शिक्षा में रचनात्मकता और नवाचार को प्रोत्साहित करने के प्रति केएमवीकी प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया। यह रिकॉर्ड सिर्फ संख्या की बात नहीं है, बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव भी है। मोर, अपनी जीवंत रंगों और शालीनता के साथ, भारत की सुंदरता और विविधता का प्रतिनिधित्व करता है। इस पहल के माध्यम से, केएमवीका उद्देश्य छात्रों को अपने देश के प्रतीकों पर गर्व करने और अपनी कलात्मक क्षमताओं को निखारने के लिए प्रेरित करना है।

प्रिंसिपल प्रोफेसर डॉ. अतीमा शर्मा द्विवेदी ने कहा कि यह केएमवीके लिए गर्व का क्षण है। हमारे छात्र हमेशा अकादमिक और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते आए हैं और आज उन्होंने फिर साबित कर दिया है कि वे असाधारण उपलब्धियां हासिल करने में सक्षम हैं। इस रिकॉर्ड प्रयास के माध्यम से, हम अपने राष्ट्र की धरोहर के प्रति गर्व और जिम्मेदारी की भावना को प्रज्वलित करने की आशा रखते हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह उपलब्धि संस्थान की लंबे समय से चली आ रही शैक्षणिक और सह-पाठ्यक्रम उत्कृष्टता की परंपरा का प्रमाण बनेगी। मैडम प्रिंसिपल ने डॉ. हरप्रीत कौर, प्रमुख, पीजी फैशन डिजाइनिंग विभाग, डॉ. अमरजोत, तरणदीप, डॉ. सिमरजीत और योगेश्वर हंसऔर सभी आयोजन समिति के सदस्यों के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने सफलतापूर्वक इस आयोजन का आयोजन किया। यह उल्लेखनीय है कि रिकॉर्ड प्रयास की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए पूरे प्रक्रिया को ध्यानपूर्वक दस्तावेज किया गया था। डॉ. पंकज सीतल, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के निर्णायक, उपस्थित थे और उन्होंने चित्रों की संख्या को सत्यापित किया।

Check Also

एच.एम.वी. में एक दिवसीय इंटरएक्टिव सेशन एवं वर्कशॉप का आयोजन

जालंधर (अरोड़ा) :- हंसराज महिला महाविद्यालय के डिज़ाइन विभाग द्वारा ‘एंट्रप्रेन्योरशिप एवं स्टार्टअप’ पर एक …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *