जालंधर (मोहित अरोड़ा) :- संस्कृति के•एम•वी•स्कूल के विद्यार्थियों को 78 वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर देश भक्ति के लिए प्रेरित करते हुए विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन कर देशभक्त वीरों की गाथा द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि प्रदान की गई । विद्यालय के सामाजिक विज्ञान विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार की गतिविधियाँ करवा राष्ट्र को श्रेष्ठ एवं महान बनाने का महत्व एवं ज्ञान प्रदान करते हुए देश भक्त होने का अर्थ समझाया। विद्यालय द्वारा करवाई गई सभी गतिविधियाँ भारतीय संस्कृति की हस्तकला का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत कर रही थीं । यह गतिविधियाँ सही मायनों में हमारे भारतीय सीमा सुरक्षा सैनिकों को सलामी है जोकि राष्ट्रीय सीमा पर तैनात रहते हुए अपनी आखरी साँस तक हमें सुरक्षित रखते हैं। विद्यालय प्रधानाचार्या रचना मोंगा ने भारतीय राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए अति आभार प्रकट किया एवं बच्चों के उत्साह और कार्य को सराहा।
बाल विद्यार्थियों ने स्कूल प्रधानाचार्या रचना मोंगा एवं अध्यापकों को भी स्वतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह कार्य अध्यापकों एवं प्रधानाचार्या की प्रेरणा द्वारा ही संभव हो पाया है जिन्होंने राष्ट्र के प्रति समर्पित पर्व और उसकी महत्ता का विशेष ध्यान रखने की भावना को बच्चों के मन में सुदृढ़ किया। इसी उपलक्ष्य पर संस्कृति के•एम•वी• स्कूल के विद्यार्थियों से फेस स्टीकर, आई मास्क, वॉल हैंगिंग बुकमार्क, ग्रीटिंग कार्ड, ट्राई कलर फैन सुसज्जित देश भक्ति नारा ,वॉल हैंगिंग हुमन चैन पैट्रियोटिक मॉन्यूमेंट्स, आजादी से पूर्व और बाद के भारत की तुलना, फ्रीडम फाइटर के स्केचेस,माय इंडिया हुमन चैन बनवाने की विभिन्न रचनात्मक क्रियाएँ करवाई गईं। विद्यार्थियों ने बड़े ही उत्साह के साथ अपनी कलाओं का प्रदर्शन करते हुए प्रदर्शनी का भी आयोजन किया। साथ ही साथ विद्यार्थियों को विशेष रूप से कहा गया कि वह अपने घर – परिवार के साथ राष्ट्रीय पर्व का आनंद टीवी पर आयोजित लाल किला ध्वजारोहण प्रसारण देखते हुए राष्ट्रीय पर्व मनाएँ। स्कूल प्रधानाचार्या रचना मोंगा ने इस उपलक्ष्य पर सभी देशवासियों को 78 वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए यह संदेश प्रसारित किया कि हम अपने कर्तव्य का उचित रूप से निर्वाहन करते हुए अपने देश को मानसिक आर्थिक और प्राकृतिक संकटों से बचाव के लिए सुदृढ़ता प्रदान कर सकते हैं क्योंकि राष्ट्र का आत्मिक बल उसके नागरिक ही होते हैं। और अपने राष्ट्र को सुदृढ़ता प्रदान करना हम सब का परम कर्त्तव्य है।