जालंधर (अरोड़ा) :- इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल, डीएवी कॉलेज जालंधर ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार के डीबीटी के तहत इनोवेशन और स्टार्टअप इकोसिस्टम इनेबलर्स पर एक सत्र आयोजित किया। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ राजेश कुमार, प्रो. पुनीत पुरी ओवरऑल डीबीटी समन्वयक और इनोवेटिव एक्टिविटीज समन्वयक के साथ-साथ आईआईसी के उपाध्यक्ष डॉ दिनेश अरोड़ा और आईआईसी के संयोजक डॉ राजीव पुरी ने मुख्य वक्ता श्री चरण कमल का स्वागत किया। चरण कमल एक भारतीय बिजनेस मैग्नेट, उद्यमी, मार्केटिंग लीडर, परोपकारी, वेब डेवलपर हैं। उन्होंने 2004 में अपनी उद्यमशीलता की यात्रा शुरू की। आईआईसी के सदस्य और छात्र इस नए क्षेत्र में अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए उत्साह के साथ इस सत्र में शामिल हुए। प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने विद्यार्थियों को बताया कि इनोवेशन और स्टार्टअप समय की मांग है और इनोवेशन ही अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाता है।
किसी व्यवसायिक विजन को वास्तविकता में बदलने की महत्वाकांक्षा, योग्यता और पृष्ठभूमि वाले दूरदर्शी व्यक्ति ही उस इनोवेशन के लिए जिम्मेदार होते हैं। प्रो पुनीत पुरी ने कहा कि एक उद्यमी एक समन्वय एजेंट के रूप में कार्य करता है। इस तरह के सहयोग के परिणामस्वरूप संसाधनों को नए संभावित लाभ की संभावनाओं में लगाया जाता है। एक उद्यमी मूर्त और अमूर्त दोनों तरह की पूंजी को स्थानांतरित करके धन कमा सकता है। चरण कुमार ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों के भीतर उद्यमिता संस्कृति को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। आमतौर पर स्टार्टअप की सफलता का मापदंड “यूनिकॉर्न” स्थिति को एक मीट्रिक के रूप में उजागर करना होता है, लेकिन हमें इनोवेशन में प्रभावित करने वालों की पहचान करनी चाहिए और उसके विचारों के महत्व पर जोर देना चाहिए। मौजूदा पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर अपनी क्षमता का पता लगाना चाहिए और इनोवेशन यात्रा में तीन “3 टी” – टाइमिंग, टीम और ट्रस्ट – महत्वपूर्ण तत्व हैं। अंत में डॉ. राजीव पुरी ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।