जालंधर (अरोड़ा) :- डीएवी युनिवर्सिटी के पूर्व छात्र हन्नू गांधी ने दीक्षारंभ कार्यक्रम के अंतिम दिन नए छात्रों के साथ अपनी प्रेरणादायक यात्रा साझा की। छात्रों के साथ बातचीत करते हुए, उन्होंने चर्चा की कि कैसे उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित असिस्टेंट लेबर कमिश्नर परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर 5वां रैंक हासिल किया और कैसे उनके दृढ़ निश्चय और उनके दोस्तों और युनिवर्सिटी की सपोर्ट ने उनकी सफलता का मार्ग प्रशस्त किया। हन्नू ने 2014 में रसायन विज्ञान में बीएससी ऑनर्स में प्रवेश लिया था। उन्होंने कहा कि दिल्ली युनिवर्सिटी के बजाय डीएवी युनिवर्सिटी को चुनना उनके लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय साबित हुआ। उन्होंने अपनी उपलब्धि का श्रेय युनिवर्सिटी के टीचर्स और दोस्तों को दिया। हन्नू ने राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित होने और यूजीसी जेआरएफ फेलोशिप प्राप्त करने का विवरण भी साझा किया । उन्होने छात्रों के साथ प्रश्नोत्तर सत्र में भी भाग लिया और उन्हे करीअर सँवारने के बारे भी जानकारी दी। कार्यक्रम में शामिल हुए आईएएस मेंटर अहसानुल हक ने छात्रों को प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त करने की रणनीति बताई। एक अन्य पूर्व छात्र तरनजोत सिंह, जो यूके एटॉमिक एनर्जी अथॉरिटी द्वारा आमंत्रित पीएचडी स्कॉलर हैं, ने समाज सेवा और सांस्कृतिक गतिविधियों के महत्व पर जोर दिया। खेल उप निदेशक डॉ. यशबीर सिंह ने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर जोर दिया, जबकि अमनवीर कौर और हरसिमरन कौर ने अपने अनुभव साझा किए, जिससे दीक्षा कार्यक्रम समृद्ध हुआ। युनिवर्सिटी ने नए छात्रों के मनोरंजन के लिए लाइव बैंड – फिरदौस – की परफॉर्मेंस भी आयोजित की।
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