जालंधर (अरोड़ा) :- 2 पंजाब एनसीसी बटालियन के तत्वाधान में कारगिल दिवस की रजत जयंती पर एनसीसी कैडेटों, सेना के प्रशिक्षकों द्वारा युद्स्मारक पर श्रदासुमन अर्पित कर भावभीनी श्रदांजलि अर्पित की गई। कर्नल विनोद जोशी ने बताया 6 मई 1999 को कारगिल युद् का आरम्भ हुआ। दरास सेक्टर में 16000 से 18000 फुट की उचाईयों और न्यूनतम 30 डिग्री तापमान पर आतंकवादियों और पाकिस्तान घुसपैठियों को निकाल फेकनें में 82 दिन लगे। इस युद् में कई सैनिको ने पहल, बहादुरी, अदम्य साहस का परिचय देते हुये और अपने जीवन की परवाह किये बिना देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। भारत के विभिन्न बटालियन के 527 सैनिकों ने अपनी शहादत दी है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है।
पडोसी देश की रणनीति और कुटिल चाल श्रीनगर और लदाख को जोडने वाली नेशनल हाईवे 1ए को काट दिया जाये जिसे पूर्ण रूप से विफल कर दिया गया। सूबेदार राजेन्द्र सिंह, 8 सिक्ख जो दरास रणक्षेत्र में अपनी बयालियन के साथ सन 1999 में तैनात थे। उन्होंने रणभूमि की आंखों देखी वीरतापूर्ण कहानियाँ कैडेटों के साथ साझां की। कर्नल विनोद जोशी ने दोआबा कालेज में प्रातः 5 बजे सैनिको के लिये पाँच किलोमीटर की दौड करायी जिसमें केडेट, छात्र, प्रतिष्ठित नागरिक भी शामिल थे। डोगरा रेजिमेन्ट के शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि का आयोजन और श्रदासुमन अर्पित किये गये। सभी कार्यक्रमों का प्रचालन सूबेदार लाभ सिंह, हवलदार प्रदीप कुमार ने किया। कर्नल विनोद ने बताया 38 कालेजों और स्कूलों में कारगिल दिवस पर ड्राईंग और पेटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कई कालेजो मे लेक्चर द्वारा कारगिल युद् के रणबाकुरों की वीरतापूर्ण कहानियों को छात्रों को सुनाया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में कई ऐसोसिएट एनसीसी अफसरों और भारतीय सेना प्रशिक्षकों का विशेष योगदान रहा है।