कोयला और लिग्नाइट खदान-2024 के लिए खनन योजना दिशानिर्देशों के मसौदे पर हितधारकों का परामर्श

दिशानिर्देशों का उद्देश्य कोयला खनन के लिए अधिक टिकाऊ और नैतिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है

जालंधर (ब्यूरो) :- कोयला मंत्रालय ने अतिरिक्त सचिव और नामित अधिकारी एम. नागराजू की अध्यक्षता में 1 जुलाई, 2024 को कोयला और लिग्नाइट ब्लॉक-2024 के लिए खनन योजना दिशानिर्देशों के मसौदे पर हितधारकों से परामर्श किया। इस कार्यक्रम में सार्वजनिक उपक्रमों, कैप्टिव/वाणिज्यिक खनिकों और तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, झारखंड, मेघालय और उत्तर प्रदेश राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों सहित 25 कोयला और लिग्नाइट खनन कंपनियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए श्री एम. नागराजू ने कोयला और लिग्नाइट खनन का संचालन करने वाले नियामक ढांचे को बढ़ाने के लिए मंत्रालय के समर्पण पर प्रकाश डाला। उन्होंने कोयला खदान मालिकों की बढ़ती जिम्मेदारी और जवाबदेही के साथ लचीलेपन को संतुलित करने के महत्व पर जोर दिया। संशोधित खनन योजना दिशानिर्देशों का उद्देश्य सभी हितधारकों के लिए व्यापक व्यावहारिकता सुनिश्चित करते हुए कोयला निष्कर्षण को अनुकूलित करने के लिए डिज़ाइन किए गए कड़े उपायों को लागू करना है। कोयला मंत्रालय के सलाहकार (परियोजना) ने दिशानिर्देशों के मसौदे पर विस्तृत प्रस्तुति पेश की। नए दिशानिर्देश कोयला खनन के लिए एक स्थायी दृष्टिकोण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करते हैं। नए दिशानिर्देश जिम्मेदार खनन अभ्यासों पर जोर देते हैं, जो ईकोसिस्टम संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए उद्योग के विकास में मदद करते हैं। इसके प्रमुख तत्वों में स्थायी प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए खनन योजनाओं में बहाली, उपचार और पुनर्जनन उपायों को अनिवार्य रूप से शामिल करना शामिल है। इन उपायों का उद्देश्य पर्यावरणीय प्रभावों को कम करना, सामुदायिक चिंताओं को दूर करना और जल की गुणवत्ता की निगरानी में निरंतर सुधार को बढ़ावा देना है। कोयला मंत्रालय जवाबदेही मानकों को बढ़ाकर और निष्कर्षण तकनीकों को अनुकूलित करके इस क्षेत्र के भीतर टिकाऊ विकास को आगे बढ़ाते हुए सभी पक्षों के हितों का ख्याल रखना चाहता है। मसौदे पर हितधारकों के परामर्श ने कोयला क्षेत्र के दिग्गजों और विशेषज्ञों से गहन चर्चा तथा इस पर अपनी बातें रखने के लिए एक मंच प्रदान किया। इससे एक व्यापक नियामक ढांचे के लिए मंच तैयार हुआ, जो समकालीन चुनौतियों का समाधान करता है और खनन प्रबंधन में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं से जोड़ने में मदद करता है। कोयला मंत्रालय हितधारकों के साथ गहन सहयोग से इन पहलों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। आगामी खनन योजना दिशानिर्देश पर्यावरण प्रबंधन, परिचालन दक्षता और नैतिक खनन प्रथाओं के उच्चतम मानकों को बनाए रखेंगे, जिससे इस क्षेत्र के लिए एक टिकाऊ भविष्य सुनिश्चित होगा।

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