यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. डा. सुशील मित्तल व रजिस्ट्रार डॉ. एस के मिश्रा ने टीम को दी बधाई
जालंधर (अरोड़ा) :- आई.के. गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी (आई.के.जी पी.टी.यू ) के सीनियर फैकल्टी डॉ. राजीव कुमार बेदी, एसोसिएट प्रोफेसर, सी.एस.ई विभाग एवं टीम ने अपने इनोवेटिव प्रोजेक्ट को पेटेंट के लिए सफलतापूर्वक पंजीकृत कराया है। पेटेंट का आवेदन “नेटवर्क सिक्योरिटी डिवाइस” के लिए था। इसे डॉ. राजीव कुमार बेदी, एसोसिएट प्रोफेसर, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग, आईकेजी पीटीयू कपूरथला, डॉ. मोहित अंगुराला, एसोसिएट प्रोफेसर, ए.आई.टी-सी.एस.ई, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, डॉ. रसमीत एस. बाली, अतिरिक्त निदेशक, ए.आई.टी-सी.एस.ई, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी और डॉ. सोनल रतन, सहायक प्रोफेसर, ए.आई.टी-सी.एस.ई, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी द्वारा संयुक्त रूप से दायर किया गया था। यह अभूतपूर्व एप्लीकेशन, नेटवर्क सुरक्षा हार्डवेयर के परिदृश्य में क्रांतिकारी बदलाव लाने के उद्देश्य से तैयार की गई है! यह डिवाइस अपने अद्भुत्त डिजाइन को बारीकी से बेहतर प्रदर्शित करता है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) सुशील मित्तल ने वरिष्ठ संकाय डॉ. राजीव बेदी और उनकी सहयोगी टीम को बधाई दी है, जिन्होंने इस परियोजना की पहल की और अंततः पेटेंट के रूप में पंजीकृत कराने में सफल रहे। कुलपति प्रो. (डॉ.) मित्तल ने अन्य संकाय सदस्यों को भी नवाचार और अनुसंधान के लिए सर्वश्रेष्ठ काम करने के लिए प्रेरित किया है। रजिस्ट्रार डॉ. एस के मिश्रा ने इस उपलब्धि को विश्वविद्यालय के अकादमिकता के लिए एक मील का पत्थर बताया है। उन्होंने परियोजना के लिए अभिनव कार्य की सराहना की है। डॉ. राजीव बेदी ने साझा किया कि पेटेंट “नेटवर्क सुरक्षा डिवाइस” के संरचनात्मक तत्वों पर जोर देता है, जो इसके डिजाइन में दृश्य प्रदर्शित करते हैं और व्यावहारिक विचारों, दोनों के महत्व को उजागर करता है। उन्होंने बताया कि यह पारंपरिक नेटवर्क सुरक्षा उपकरणों के विपरीत है! यह डिज़ाइन विशिष्ट तकनीकी विशेषताओं पर आधारित रूप को प्राथमिकता देता है, जो दाएं और बाएं पक्ष, सामने, पीछे, ऊपर और नीचे सभी दृश्यों सहित विभिन्न कोणों से विशिष्ट दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। “नेटवर्क सुरक्षा डिवाइस” नेटवर्क सुरक्षा के क्षेत्र में संभावित गेम-चेंजर बनने का दावा करती है! अपनी अनूठी विशेषताओं के साथ यह न केवल कार्यात्मक प्रभावकारिता प्रदान करता है, बल्कि डिजिटल अवसंरचनाओं की सुरक्षा में उल्लेखनीय दृश्य आकर्षण भी प्रदान करता है। यह नवाचार साइबर सुरक्षा की उभरती चुनौतियों का समाधान करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा!