प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी, प्रिंसिपल, के.एम.वी. ने विमेन लीडरशिप: एन इंपेरेटिव फॉर डेवलप्ड सोसाइटीज़ विषय पर किया संबोधित

जालंधर (मोहित अरोड़ा) :- भारत की विरासत एवं ऑटोनॉमस संस्था, कन्या महाविद्यालय, जालंधर के प्रिंसिपल प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने पंडित मदन मोहन मालवीय नेशनल मिशन ऑन टीचर्स एंड टीचिंग (पी. एम. एम. एम. एन.एम.टी.टी.) के तहत शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के केंद्र गुरु अंगद देव टीचिंग लर्निंग सेंटर (जी.ए.डी. -टी.एल.सी.), एस.जी.टी.बी. खालसा कॉलेज, नई दिल्ली में विमेन लीडरशिप: एन इंपेरेटिव फॉर डेवलप्ड सोसाइटीज़ पर एक प्रेरक भाषण दिया. फैकेल्टी डेवलपमेंट के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम में एक आकर्षक और विचारोत्तेजक सेशन आयोजित किया गया, जिसमें विकसित राष्ट्र के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए महिला नेताओं को बढ़ावा देने की महत्वपूर्ण ज़रूरतों पर खुलकर विचार चर्चा की गई. इस कार्यक्रम में पूरे भारत से 250 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया. अपने संबोधन में प्रिंसिपल प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने लीडरशिप के पदों पर महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए इस बात पर ज़ोर दिया कि महिला नेताओं का सशक्तिकरण और समावेशन सामाजिक प्रगति और विकास के लिए मौलिक है. उन्होंने कहा कि एक सच्चे विकसित समाज का निर्माण विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी और नेतृत्व पर निर्भर करता है. लीडरशिप के ज़रूरी घटकों के बारे में विस्तार सहित बात करते हुए उन्होंने प्रभावी नेतृत्व के लिए इन सभी घटकों को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि और ये अंतर्निहित ताकत हैं जिन्हें महिलाएं आगे ला सकती हैं. इसके अलावा अपने संबोधन के दौरान प्रो. द्विवेदी ने उन प्रणालीगत बाधाओं और सामाजिक रूढ़ियों के बारे में भी बात की जो महिलाओं को नेतृत्व की भूमिकाओं में आगे बढ़ने से रोकती हैं. उन्होंने बताया कि इन बाधाओं को समझना और उन्हें दूर करना एक समान वातावरण बनाने के लिए महत्वपूर्ण है जहाँ महिलाएँ नेता के रूप में उभर सकती हैं. विमेन लीडर्स के प्रभाव को स्पष्ट करने के लिए, उन्होंने के.एम. वी. के पूर्व प्रिंसिपल आचार्या लाजवती जी, जो 20वीं सदी में अग्रणी और प्रभावशाली नेता रहीं, जैसी प्रमुख महिला नेताओं की आकर्षक केस स्टडीज़ भी साझा कीं जिनके नेतृत्व और दूरदर्शिता ने के.एम.वी. को एक प्रमुख संस्थान में बदलने के साथ-साथ महिला शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए एक मानक स्थापित किया. इसके साथ ही अग्रणी फ्रांसीसी डिज़ाइनर कोको शनेल के केस स्टडी भी सांझा की जिन्होंने अपने अभिनव डिज़ाइनों और साहसिक नेतृत्व से फैशन उद्योग में क्रांति ला दी. विमेन लीडरशिप पर अपने व्यापक शोध के लिए प्रसिद्ध प्रिंसिपल प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने भारत और विदेशों में अपनी विज़िट्स और टॉक्स से प्राप्त अनुभव को भी सांझा किया. उनके वैश्विक दृष्टिकोण और शोध परिणामों ने महिला नेतृत्व विकास पर चर्चा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान की आवश्यकता पर बल मिला है. संबोधन का समापन सभी शिक्षकों और संस्थानों से महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से शामिल होने के आह्वान के साथ हुआ. प्रिंसिपल प्रो. डॉ. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने इस उद्देश्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की और एक ऐसे भविष्य के लिए आशा व्यक्त की, जहां विमेन लीडर्स एक समृद्ध और समतावादी समाज को आकार देने में केंद्रीय भूमिका निभाएं.

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