जालंधर (अरोड़ा) :- डिप्स श्रृंखला के सभी शिक्षण संस्थानों में अभिभावक-शिक्षक बैठक (पीटीएम) का आयोजन किया गया। शिक्षकों द्वारा अभिभावकों को बच्चों के प्रदर्शन की जानकारी दी गयी। इस शिक्षक-अभिभावक बैठक में अभिभावकों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया और विद्यालय में चल रही गतिविधियों की जानकारी लेते हुए अपने सुझाव साझा किये।अभिभावक-शिक्षक मीटिंग से बच्चों, अभिभावकों और समुदाय का ध्यान स्कूली शिक्षा की ओर बेहतर होगा। अभिभावक-शिक्षक बैठकें स्कूली शिक्षा का एक अभिन्न अंग हैं। इससे जहां बच्चों की शैक्षणिक उपलब्धियों का जिक्र अभिभावकों के साथ साझा किया जाता है, वहीं बच्चों के मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए अभिभावकों को मार्गदर्शन भी दिया जाता है।शिक्षक माता-पिता के साथ चर्चा करते हैं कि बच्चे घर पर कैसे अच्छी तरह से पढ़ाई कर सकते हैं और भविष्य में सफलता हासिल कर सकते हैं। अभिभावक-शिक्षक मीटिंग के दौरान अभिभावकों को आगामी सिलेबस के बारे में भी जानकारी दी जाती है। विभाग द्वारा विद्यार्थियों के अभ्यास हेतु पूरक सामग्री, दैनिक होमवर्क, अभ्यास पत्रक, दैनिक स्लाइड आदि एजेंडा भी भेजे जा रहे हैं। जिससे माता-पिता चल रही गतिविधियों से अवगत रहें और बच्चे की शिक्षा में सक्रिय भूमिका निभा सकें। अभिभावक-शिक्षक मीटिंग में स्कूल प्रमुख और शिक्षक इस सत्र के दौरान बच्चों की सकारात्मक उपलब्धियों का जिक्र कर रहे हैं ताकि छात्र को अच्छे से पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया जा सके। विद्यालय के प्रदर्शन और शिक्षकों की मेहनत से अभिभावक बहुत खुश और संतुष्ट थे। डिप्स श्रृंखला के प्रिंसिपलों ने बताया कि अभिभावक-शिक्षक बैठक में कक्षा प्रभारी एवं विषय अध्यापकों ने विद्यार्थियों के अभिभावकों से विद्यार्थियों की शिक्षा एवं उनके सर्वांगीण विकास के संबंध में सकारात्मक विचार-विमर्श कर विद्यार्थियों की शिक्षा में सुधार कियाऔर बच्चों की सीखने की क्षमता को बढ़ाने के लिए सफल चर्चा विषय शिक्षकों एवं कक्षा प्रभारियों से मुलाकात के बाद बैठक में शामिल अभिभावकों ने स्कूल प्रिंसिपल से मुलाकात के दौरान बच्चों की शिक्षा एवं सर्वांगीण विकास के लिए स्कूल के शिक्षकों द्वारा की गयी पहल की सराहना की। डिप्स चेन के एमडी सरदार तरविंदर सिंह और सीईओ मोनिका मंडोत्रा ने कहा कि बच्चों की सफलता में माता-पिता की बहुत बड़ी भूमिका होती है। माता-पिता को अभिभावक-शिक्षक बैठकों के लिए समय निकालना चाहिए ताकि आप अपने बच्चे को बेहतर तरीके से जान सकें और कमियों को दूर करके उसकी प्रतिभा को पहचान सकें। अभिभावक-शिक्षक बैठक माता-पिता को उन क्षेत्रों पर काम करने में मदद करती है जहां उनका बच्चा उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है या पिछड़ रहा है। माता-पिता और शिक्षकों के बीच निरंतर संवाद उनके बच्चे की सीखने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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