जालंधर (अरोड़ा) :- एपीजे कॉलेज ऑफ़ फाइन आर्ट्स जालंधर निरंतर अपने संस्थापक अध्यक्ष डॉ सत्यपाॅल जी एवं एपीजे एजुकेशन, एपीजे सत्या एंड स्वर्ण ग्रुप की अध्यक्ष, एपीजे सत्या यूनिवर्सिटी की चांसलर डॉ सुषमा पाल बर्लिया के निर्देशन में सर्वदा विभिन्न क्षेत्रों में बुलंदियों का स्पर्श करता ही रहता है और अपनी समृद्ध विरासत को सहेजते हुए विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए अग्रणी रहता है। डॉ सुषमा पाल बर्लिया की अध्यक्षता में एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर में तीन सत्रों के 44वें दीक्षांत समारोह में 570 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गई। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर के वाइस चांसलर डॉ जसपाल सिंह संधू उपस्थित हुए। दीक्षांत-समारोह के इस पावन अवसर पर बोर्ड ऑफ गवर्नर के सदस्य निर्मल महाजन एवं एपीजे सत्या यूनिवर्सिटी की प्रो वाइस चांसलर डॉ सुचरिता शर्मा भी विशेष रूप से उपस्थित हुए। एकेडमिक प्रोसेशन के साथ दीक्षांत- समारोह का आयोजन किया गया। सभागार पहुंचने पर पावन ज्योति को प्रज्वलित करते हुए वंदे मातरम के साथ कार्यक्रम का आगाज़ किया गया।
इस अवसर विशेष पर एपीजे एजुकेशन की अध्यक्ष डॉ सुषमा पॉल बर्लिया की सफलता की दास्तान को डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से विद्यार्थियों को दिखाया गया की किस तरह अपने पिता डॉ सत्यपाॅल जी के सफल निर्देशन एवं अपनी कर्मनिष्ठता, दूरदर्शिता और सृजनात्मकता की वजह से आज वह विभिन्न सम्मानों से सम्मानित होकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित व्यक्तित्व के रूप में पहचानी जाने लगी है। इस दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करने के लिए सुषमा पाल बर्लिया ने वर्चुअली इस कार्यक्रम को ज्वाइन किया। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने सुषमा पॉल बर्लिया,डॉ जसपाल सिंह संधू, निर्मल महाजन एवं डॉ सुचरिता शर्मा का अभिनंदन करते हुए कहा कि हमारे विद्यार्थियों का परम सौभाग्य है आज उन्हें ज्ञान गंगा के भागीरथों से डिग्री प्राप्त करने का शुभ अवसर प्राप्त हो रहा है। डॉ ढींगरा ने इस अवसर पर उपस्थित अतिथिवृंद एवं विद्यार्थियों को विभिन्न क्षेत्रों में कॉलेज की उपलब्धियां से परिचित करवाते हुए कहा कि आज एपीजे कॉलेज निरंतर प्रगति पथ पर अग्रसर होते हुए प्रत्येक क्षेत्र में अपनी विजय का शंखनाद करते हुए आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि डॉ सुषमा पाॅल बर्लिया ने जिस तरह उद्यमिता, मूल्य आधारित शिक्षा, नारी सशक्तिकरण मे अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है उसको शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। डॉ सुषमा पॉल बर्लिया ने अपने अध्यक्षीय भाषण में डॉ जसपाल सिंह संधू का अभिनंदन करते हुए कहा कि आपके निर्देशन में यूनिवर्सिटी तो बुलंदियों की और अग्रसर हो ही रही है चाहे फिर हो उच्च शिक्षा का क्षेत्र हो,खेलों का या फिर सांस्कृतिक गतिविधियों का; उन्होंने कहा कि आपके मार्गदर्शन में यूनिवर्सिटी के साथ एफिलिएटिड कॉलेजेस भी आज इंडस्ट्री के साथ कदम के साथ कदम मिलाकर आगे बढ़ रहे हैं और हर क्षेत्र में यूनिवर्सिटी का नाम रोशन कर रहे हैं। डॉ जसपाल सिंह संधू ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि एपीजे कॉलेज का अस्तित्व तो कोहिनूर हीरे की तरह है जहां की सकारात्मक ऊर्जा व्यक्ति को प्रभावित किए बिना नहीं छोड़ती।जिसकी अपनी विशिष्ट ही पहचान है। उन्होने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि कॉलेज की पढ़ाई करने के बाद अब उनकी वास्तविक जिंदगी की शुरुआत होने वाली है अगर वह अपने कर्तव्य के प्रति ईमानदार रहे, नैतिक मूल्यों का दामन न छोड़े, अनुशासित रहे, दृढ़ता के साथ कर्म करते रहे तो सफलता निश्चित रूप से आपके कदम चूमेगी। 44वें दीक्षांत समारोह में 43 विद्यार्थियों को यूनिवर्सिटी में प्रथम स्थान हासिल करने पर रोल ऑफ़ ऑनर्स एवं 570 विद्यार्थियों को डॉ जसपाल सिंह संधू,श्री निर्मल महाजन, डॉ सुचरिता शर्मा एवं डॉ नीरजा ढींगरा ने डिग्रियां प्रदान की। इस पावन अवसर पर डॉ जसपाल सिंह संधू को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। राष्ट्रगान के साथ दीक्षांत-समारोह का समापन किया गया।अंग्रेजी विभाग की अध्यक्ष डॉ सुनीत कौर ने सभी का आभार व्यक्त किया। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने दीक्षांत-समारोह की अपार सफलता के लिए कार्यक्रम प्रभारी डॉ मोनिका आनंद एवं डॉ मनीषा शर्मा के प्रयासों की भरपूर सराहना की।