अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर डी ए वी कॉलेज के कामर्स फोरम द्वारा गेस्ट लेक्चर करवाया गया
जालंधर (साहिल अरोड़ा):- हर साल 8 मार्च को मनाया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की महानता बढ़ने लगी है। इस दौरान अध्यापको तथा स्नाकोत्तर के विद्यार्थियों ने गुलाबी ड्रेस पहनी थी। गेस्ट स्पीकर के तौर पर रमनप्रीत कौर शामिल हुईं, जिन्हें 20 साल से भी अधिक का आल इंडिया रेडियो, दूरदर्शन, बिग एफ़ एम का तज़ुर्बा है। इस मौके पर कामर्स विभाग के प्रमुख तथा वाईस प्रिंसिपल प्रो वीके सरीन ने मुख्यातिथि का स्वागत किया। कामर्स फॉरम के प्रेसिडेंट प्रो एकजोत कौर ने संबोधित करते हुए कहा कि एक महिला बेटी , पत्नी तथा माँ भी होती है। उन्होंने गुरु नानक देव जी के शब्दों को बोलते हुए कहा कि 'सो क्यों मंदा आखिए जित जम्मे राजन।
इस दौरान मुख्य अतिथि रमनप्रीत कौर ने कहा एक महिला का जीवन मुश्किलों से भरा हुआ है। उन्होंने कहा कि महिला अपने अधिकारों की रक्षा के लिए स्वंय लड़ती है और उनके लिए भी समानता का अधिकार है। महिलाएं भगवान द्वारा दिया एक खूबसूरत तोहफा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं का सशक्तिकरण बहुत ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि पुरुषों की तरह समान अधिकार प्राप्त होने चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज तभी प्रफुल्लित होगा जब महिलाओं को उनके अधिकार और सम्मान मिलेगा। इस दौरान एक इंटररेक्टिव सेशन का आयोजन भी किया गया। एक कोटेशन राईटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में एम कॉम प्रथम वर्ष की मल्लिका गुलाटी, सुरभि तनेजा तथा राधिका थीं। इसके साथ ही बेस्ट ड्रेस कंपटीशन के अध्यापक वर्ग में प्रो कनुभा तथा प्रो प्रोतिमा और विद्यार्थी वर्ग में दीक्षा नायर (एमकॉम2) विजेता बनीं। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक लोगो भी बनाया गया। इतिहास विभाग की प्रमुख डॉ किरनजीत रंधावा ने कहा कि एक माँ की तौर पर महिला बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी निभाती है। एक माँ की ज़िम्मेदारी 24 घण्टे रहती है। उन्होंने आए हुए सभी लोगों को बधाई भी दी। कमर्स फोरम की प्रेसिडेंट प्रो एकजोत ने प्रत्येक महिला को अपनी महत्वता समझनी चाहिए। उनको आत्मनिर्भर बनना चाहिए। अंत में उन्होंने कहा कि हम सब को नारीवाद को बढ़ावा न देते हुए मनुष्यता को बढ़ावा देना चाहिए।