(Date : 29/March/2424)

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डीएवी कॉलेज में आज से दो दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ़्रेन्स की शुरुआत हुई






गणित एक रोचक एवं अवधारणात्मक विषय है, इससे डरे नहीं बल्कि इसका आनंद लें - मुख्य अथिथि संजीव कौशल के इन शब्दों से डीएवी कॉलेज, जालंधर में आज से दो दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ़्रेन्स  'रीसेंट ट्रेंड्ज़ एंड इनोवेशनस इन प्योर एंड अप्लाइड मैथेमैटिक्स' की शुरुआत हुई "

" डिपार्टमेंट द्वारा कॉन्फ़्रेन्स की पत्रिका का सम्मेलन में अनावरण भी किया गया "

 
जालंधर (साहिल अरोड़ा):- डीएवी कॉलेज, जालंधर में आज से दो दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ़्रेन्स  'रीसेंट ट्रेंड्ज़ एंड इनोवेशनस इन प्योर एंड अप्लाइड मैथेमैटिक्स' की शुरुआत हुई। इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार का संयोजक कॉलेज का मैथेमैटिक्स डिपार्टमेंट है। इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य शुद्ध और व्यावहारिक गणित में नए रुझानों पर चर्चा के लिए मंच प्रदान करना है । इस दो दिवसीय राष्ट्रिय सेमिनार में संजीव कौशल (आइ ए एस, अडिशनल चीफ सेक्रेटेरी, हरियाणा सरकार) बतौर मुख्य मेहमान और डॉ ललित कुमार अवस्थी ( डिरेक्टर, एन आइ टी, जालंधर ) गेस्ट ऑफ़ ऑनर के तौर पर शामिल हुए।

कॉन्फ़्रेन्स के  के उद्घाटन दिवस में मुख्य मेहमान संजीव कौशल, मुख्य वक़्ता डॉ ललित कुमार अवस्थी का स्वागत  प्रिंसिपल डॉ एस.के अरोड़ा, वाइस प्रिन्सिपल प्रो वी के सरीन, वाइस प्रिन्सिपल प्रो टी डी सेनी, रेजिस्ट्रार प्रो अरुण मेहरा, एल एम सी के सदस्य प्रो कमलदीप और डॉ मनु सूद, कॉन्फ़्रेन्स के कन्वीनर प्रो अजय कुमार अग्रवाल,कॉन्फ़्रेन्स के ऑर्गनाइज़िंग सेक्रेटेरी डॉ एस के तुली, प्रो हेमंत, प्रो जगदीश  और पी आर ओ प्रफ़ेसर मनीष खन्ना ने किया। 

इस अवसर पर प्रिंसिपल डॉ एस.के अरोड़ा ने सभी मेहमानों का तहे दिल से स्वागत करते हुए सभी डिग्निटरिएस को ऑडियंस से परिचित करवाया. इसके साथ ही उन्होंने सभी मेहमानों को स्मृति चिन्ह भी भेंट किया। प्रिन्सिपल डॉ अरोड़ा ने कहा कि आज का सेमिनार का मुख्य उद्देश्य शोधकर्ताओं और पेशेवरों को एक ही मंच  पर लाकर दोनों सैद्धांतिक और व्यावहारिक गणित में हाल की गतिविधियों पर चर्चा और गणितज्ञ के बीच व्यावसायिक ज्ञान का विनिमय केंद्र स्थापित करना है। कॉन्फ़्रेन्स के ऑर्गनाइज़िंग सेक्रेटेरी डॉ एस के तुली ने बताया की अलग अलग यूनिवर्सिटी से आए 15 रीसॉर्स पर्सन अपनी आमंत्रित वार्ता पर शुद्ध और व्यावहारिक गणित पर अपने विचार रखेंगे। प्रसिद्ध गणितज्ञ, डॉ आइ बी एस पासी (प्रोफ़ेसर एमेरिटस,आइ आइ एस ई आर, मोहाली) , प्रो आर पी शर्मा (एच पी यूनिवर्सिटी, शिमला), प्रो रजनीश कुमार ( कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी) प्रो बी एस कोमल (जम्मू) , डॉ नेयास अहमद (एन आइ टी, श्रीनगर) , डॉ एम अब्बासी ( जामिया मिलिया इसलामिया, नई दिल्ली), प्रो एन के शेख़ (एन आइ टी श्रीनगर, कश्मीर) अपना अपना शोधपत्र पढ़ेंगे, इसके इलावा अलग अलग कॉलेजेज़ से आए 125 शोधकर्ता भी अपना पेपर पढ़ेंगे।

मुख्य मेहमान संजीव कौशल ने कहा हमारे जीवन में गणित का अत्याधिक महत्वपूर्ण स्थान है। हम कोई भी दैनिक कार्य करते है तो उसमें गिनती, पहाड़ा जोड़, घटाना, गुणा, भाग इन सबका प्रयोग जाने-अनजाने में कर ही लेते है। हम दिन की शुरुआत गणित के द्वारा ही करते है। हमारी समय-सूचक घड़ी भी जब समय बताती है तो वह कोई न कोई कोण का रूप ले लेती है, गणित शिक्षण के प्रति भी हमारी समझ होना आवश्यक है क्योंकि सामान्यता लोगों में धारणा बनी हुई है कि गणित एक कठिन एवं बोझिल विषय है। इसमें अमूर्तता है तथा प्रतीकों, सूत्रों व परिभाषाओं का विषय होने के कारण बच्चों के सीखने में बाधक है। किन्तु यह धारणा सत्य नहीं है। वास्तव में गणित एक रोचक एवं अवधारणात्मक विषय है। इसके शिक्षण व सीखने में समस्या तभी आती है, जब इसे चॉक, डस्टर के माध्यम से या रटाकर सिखाने का प्रयास किया जाता है। इसे रटे नहीं बल्कि इसका आनंद ले। कार्यक्रम के मुख्यवक्ता डा. इंद्रबीर सिंह पासी ने आटोमोरफिसम पर चर्चा की।उन्होंने बताया कि आटोमोरफिसम कुछ अर्थों में, वस्तु की एक समरूपता, और इसकी सभी संरचना को संरक्षित करते समय वस्तु को मानचित्रित करने का एक तरीका है किसी वस्तु के सभी ऑटोमोरफिसम्स का समूह एक समूह बनाता है, जिसे ऑटोमोर्फिज़्म समूह कहा जाता है। यह किसी वस्तु की समरूपता का समूह है। उन्होंने आटोमोरफिसम के बारे में विस्तारपूर्वक बात की।

इसके इलावा प्रो. आर.पी. शर्मा ने "डिसजॉइंट यूनियन मीट्रिक एंड टोपोलोजिकल स्पेसेस", प्रो. बी. एस. कोमल ने "कंपोसिशन्स ऑपरेटर्स एंड थेयर ऍप्लिकेशन टू दी इनवैरिएंट सबस्पेस प्रॉब्लम", प्रो. एन. ए. शेख ने "वेवलेट्स: पास्ट, प्रेजेंट एंड फ्यूचर, प्रो. एम. वाय. अब्बासी ने "जेनेरलाइसेड आइडियाज इन टेरनरी स्ट्रक्टरेस" पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। कांफ्रेंस के पहले दिन तीन अलग अलग टेक्निकल सेशन हुए जिसमें अलग अलग यूनिवर्सिटी और कॉलेज से आए टीचर्ज़ ने अपने अपने पेपर पढ़े। पहले टेक्निकल सेशन में डॉ आइ बी एस पासी (प्रोफ़ेसर एमेरिटस,आइ आइ एस ई आर, मोहाली) , प्रो आर पी शर्मा (एच पी यूनिवर्सिटी, शिमला) प्रो बी एस कोमल (जम्मू) , डॉ नेयास अहमद (एन आइ टी, श्रीनगर) , डॉ एम अब्बॉसी ( जामिया मिलिया इसलामिया, नई दिल्ली), प्रो एन के शेख़ (एन आइ टी श्रीनगर, कश्मीर) ने अपने पेपर पढ़े। दूसरे टेक्निकल सेशन की अध्यक्षता प्रो आर पी शर्मा, प्रो बी एस कोमल और डॉ शकील अहमद रैना ने की। तीसरे टेक्निकल सेशन की अध्यक्षता डॉ अनिता तोमर, डॉ नेयाज अहमद, डॉ एम अबासी द्वारा की गई। उद्घाटन सत्र का संचालन प्रो शरद मनोचा ने किया, लोकल कमिटी के चयरमेन जस्टिस एन के सूद ने कॉन्फ़्रेन्स में अपने विशेष विचार भी प्रस्तुत किये।

इस मौक़े पर डॉ पूनम शर्मा , प्रो अंजु छाबड़ा, प्रो राजेश पराशर, प्रो मनीष अरोड़ा, डॉ समीर शर्मा, डॉ सीमा शर्मा, प्रो साहिल नागपाल, प्रो अरुण कोचर, जेसमिन, सिमपी चोपड़ा, कृति मेहता, कँवल, भारती, काजल साहनी और कोमलप्रीत भी मौजूद थे।
 
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