हर एक सांस मालिक के नाम का सिमरन करे - रजनी माता जी
जालंधर: सर्व साँझा रूहानी मिशन के संस्थापक पूज्य संत जीवन बीर जी की पत्नी गुरु रजनी माता जी ने बस्ती शेख में हो रहे सत्संग में कहा कि जब तक हम अपने आप को पहचान नहीं लेते तब तक दुखों का निवारण नहीं होगा । सबसे बड़ा दुःख अपने आप को न पहचानने का है , जिसके कारण मन दिशाहीन होकर जिंदगी के सफर में भटकता महसूस करता है । हम अपने कर्मो के खुद जिम्मेदार है , कोई दूसरा नहीं ।इंसान मोह माया में इतना फसा हुआ है कि रोज़ बैठ कर यह ही गिनता रहता है के आज इतनी दौलत है कल इतनी थी । लेकिन भगवन साँसे गिनते है की कल इतनी थी थी आज इतनी कम हो गई । । इसलिए हमे चाहिए कि हम साँसों की कीमत समझे और हर एक सांस मालिक के नाम का सिमरन करे । इस अवसर पर प्रेम अरोड़ा, सुभाष चन्द्र, दविंदर कालड़ा , साहिल अरोड़ा, विनोद कालड़ा ,सन्नी , मोहित , कंचन रानी, सुनैना मक्कड़, उर्मिल ज्योति , मीनू , पूजा तथा नवजोत मक्कड़ अदि भगत जन उपस्थित थे ।