पुस्तक परिक्रमा कार्यक्रम के तहत नेशनल बुक ट्रस्ट पहुंचा डी ए वी कॉलेज
जालंधर (साहिल अरोड़ा):- एनबीटी द्वारा डी.ए.वी कॉलेज में एक पुस्तक प्रदर्शनी आयोजित की गई ,जिसमें विद्यार्थिओं तथा अध्यापकों ने उत्साह के साथ भाग लिया तथा अपनी मनपसंद पुस्तकें खरीदी। इस से पहले पुस्तक प्रदर्शनी का उद्धघाटन डीएवी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ एस के अरोड़ा नें रिबन काट के और सुभाष कश्यप द्वारा लिखी किताब "हमारी संसद" खरीद कर किया तथा उपस्थित अध्यापकों एवं विद्यार्थिओं को पुस्तकों के महत्त्व के बारे में बतलाया तथा पुस्तकों की ज़िन्दगी में अहमियत के बारे में बतलाया।
प्राचार्य डॉक्टर एस के अरोड़ा ने पुस्तकों को विद्यार्थियों का सबसे अच्छा मित्र बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन से विद्यार्थी तथा शिक्षकों में नया पढ़ने एवं जानने की रुचि बढ़ाई जा सकती है। प्रदर्शनी में सभी अच्छी पुस्तकों को एक साथ देखकर छात्र हर्षित हुए तथा विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक मनपसंद पुस्तकों को पढ़ने में रुचि दिखाई। डी.ए.वी के लाइब्रेरियन नवीन सैनी के बताया की एनबीटी द्वारा पुस्तक प्रदर्शनी का विद्यालय परिसर में यह प्रशंसिये प्रयास है और इस में भारी गिनती में विद्यार्थिओं तथा अध्यापकों नें किताबों पर दी जा रही छूट का भरपूर लाभ उठाया है! उन्होनें कहा, तकनिकी विकास के साथ-साथ कंप्यूटर के युग में जहां हर कार्य इंटरनेट से सुलभ है। गूगल की मदद से आज कोई भी पुस्तक नेट पर पढ़ा जा सकता है लेकिन वास्तविक रूप से पुस्तकों का क्रेज आज भी बरकरार है।
इस मौके पर स्टूडेंट्स ने अपनी राय व्यक्त की। बी ए ( आनर्ज़) की अनमोल प्रीत नें कहा कि पुस्तकों का अपना एक अलग महत्व होता है। चाहे कितना भी इंटरनेट की बात कर ली जाए पुस्तकों का महत्व कम नहीं होगा, यह हमारी दोस्त है जो हमेशा हमारे साथ रहेंगी। बी ए जे एम सी के शुभम कलसी कहते हैं कि युवा पुस्तकों से अलग नहीं हैं बल्कि उनकी पूरी पढ़ाई-लिखाई पुस्तकों पर ही आधारित होती है। कविता, कहानी, उपन्यास, निबंध की पुस्तकें युवा थोड़ा कम पढ़ते हैं। बी ए जे एम सी की विमल प्रीत कहती हैं कि पुस्तक सबसे अच्छा साथी होता है। जो पुस्तकों को समझ लिया उनका जीवन संवर जाता है। इसलिए आधुनिक तकनीकी के साथ-साथ हर किसी को पुस्तकें पढ़नी चाहिए। बी ए जे एम सी के प्रदीप तिवारी कहते हैं कि अपनी रूचि के अनुसार जो भी अच्छा लगे उस किताब को पढ़ना चाहिए बल्कि एक किताब हमेशा अपने पास रखनी चाहिए और उसे पढ़ने के बाद दूसरी। इस मौक़े पर नवीन सेनी, डॉ संजीव धवन, पी आर ओ प्रो मनीष खन्ना, प्रो नवीन सूद, डॉ सुरेश खुराना, डॉ निश्चय बहल,प्रो सौरभ राज, प्रो मोहित, अरुण कुमार पराशर, संध्या परमार और रविंदेर कालिया भी मौजूद थे।