प्रिंसिपल्स, टीचर्स और स्टाफ मेंबर्स ने शांतिमय तरीके से विरोध करते हुए काला दिवस मनाया
जालंधर:- सी.बी.एस.ई एफिलिएटेड स्कूल्ज एसोसिएशन के दिशा निर्देशों पर पुरे पंजाब के सी.बी.एस.ई स्कूलों द्वारा टीचर्स की नियुक्त और काम कर रहे टीचर्स को लेकर सरकार द्वारा बनाए जा रहे नियमों और नीतियों का शांतिमय तरीके से विरोध करते हुए काला दिवस मनाया। जिसमें स्कूलों के प्रिंसिपल्स, टीचर्स और स्टाफ मेंबर्स ने बाजु पर काले रंग का रिबन लगा कर शांतिमय तरीके से इन नीतियों का विरोध किया। अध्यक्ष अनिल चोपड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्राइवेट स्कूलों में टीचर्स की नियुक्ति को लेकर जो नियम बनाए हैं, जैसे पुलिस वैरिफिकेशन, दिमागी टेस्ट करवाने के आदेश और स्कूल बस के साथ ड्राइवर, कंडकटर, सिक्योरिटी कैमरा होने के बावजूद सरकार ने स्कूलों को हिदायत दी है कि स्कूल बस के साथ एक टीचर रहेगा जिसकी जिम्मेदारी हर बच्चे को उनके घर तक पहुँचने की होगी। इस प्रकार से निश्चिततौर पर देशभर के लाखों टीचर्स बेरोजगार हो जाएंगे। कासा मेंबर्स ने कहा कि ऐसी कोई भी नियम निति सरकारी स्कूलों में नहीं लागू नहीं की जाती तो फिर निजी स्कूलों के टीचरों पर ऐसी नीतियां क्यों लागू की जाती है। कासा ने सरकार से निवेदन किया कि सरकार और निजी स्कूलों के अध्यापकों के लिए एक प्रकार की नीतियां बनाई जाए।
सीनियर वाईस प्रेजिडेंट कम ट्रेझर जोध राज गुप्ता कहा कि सरकार ने निजी स्कूलों में सालों से शिक्षा दे रही बीए व एमए पास टीचर्स को 2 साल का आॅन लाइन कोर्स व पांचवीं तक पढ़ाने वाले टीचर्स को एनआईओएस से 6 महीने का ब्रिज कोर्स करना अनिवार्य कर दिया है। उन्होंने कहा कि स्पष्ट किया कि इन कार्सों को करने के लिए भी सरकार ने कई शर्तें लगाई हैं, जिसका सीधा असर यह होगा कि सालों से स्कूलों में पढ़ाने वाली 50 प्रतिशत टीचर्स को अपना रोजगार खोना पड़ सकता है। वहीं जो टीचर्स यह कोर्स करेगी, उन्हें भी हजारों रुपए फीस के तौर पर देने होेंगे। कासा मेंबर्स ने सरकार से ऐसी नीतियों को ख़त्म करने की अपील की।