डीएवी के कमर्स फोरम ने विद्यार्थियों को इंडस्ट्रीयल विज़िट करवाई
जालन्धर:- डीएवी कॉलेज के पीजी डिपार्टमेंट ऑफ कमर्स की तरफ से 'सोनालिका इंटरनेशनल' और 'पोंग बांध' की औद्योगिक यात्रा का आयोजन किया गया।
इस औद्योगिक यात्रा में वाईस प्रिंसिपल प्रो. वी के सरीन, कमर्स फोरम के अध्यक्ष प्रो.एक्जोत कौर, प्रो. पारुल शैर, प्रो. संदीप दुआ, प्रो. भुवन लांबा, प्रो. निमिषा के साथ कमर्स विभाग के स्नातक और स्नाकोत्तर के करीब 50 विद्यार्थी शामिल थे। विद्यार्थियों ने सबसे पहले होशियारपुर में स्थित ‘सोनालिका इंटरनेशनल’ के दौरा किया। सोनालिका इंटरनेशनल भारत की तीसरी सबसे बड़ी ट्रैक्टर के उत्पादन की औद्योगिक इकाई है। ‘सोनालिका इंटरनेशनल’ सभी तरह के परिष्कृत उपकरणों और प्रशिक्षित मानव शक्ति से लैस है, जो अंतरराष्ट्रीय नियामक मानकों के अनुसार प्रक्रियाओं को संचालित करने के लिए सुसज्जित हैं। उन्होंने कंपनी के उत्पादन प्रक्रियाओं और विकास दर के बारे में एक प्रेजेंटेशन को भी दिखाया। इसके बाद सभी छात्रों को हिमाचल प्रदेश में के तलवाड़ा में ‘पोंग बांध’ में ले जाया गया, जहां उनको बिजली उत्पादन की देखरेख ने रोमांचित किया। इस दौरान बिजली के उत्पादन में शामिल सभी तकनीकी प्रक्रियाओं के बारे में वहां के अधिकारियों ने छात्रों को बताया। इस दौरान प्रिन्सिपल डॉ. एस.के अरोड़ा ने कहा, ऐसे औद्योगिक दौरे व्यावहारिक ज्ञान और युवाओं को एक एक्सपोजर देते हैं, जिससे उनमें आत्मविश्वास और बढ़ता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के लिए सिर्फ किताबी ज्ञान ही महत्त्वपूर्ण नहीं है बल्कि उनको व्यवहारिक ज्ञान की ज्यादा जरुरत है।
वाईस प्रिंसिपल प्रो. वी.के सरीन ने कहा कि उनका हमेशा से एक ही लक्ष्य रहा है कि हम अपने छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान और से समृद्ध बनाएं। उन्होंने कहा कि इस औद्योगिक यात्रा से उनके व्यावहारिक कौशल को तेज करने में मदद मिलेगी, क्योंकि पुस्तकों से पढ़ने से अवधारणा स्पष्टता के लिए पर्याप्त नहीं है तथा उचित व्यावहारिक अनुभव के लिए एक कठोर मंजिल का अनुभव आवश्यक है। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि यह यात्रा हमारे विद्यार्थियों के लिए लाभदायक सिद्ध होगी। कमर्स फोरम की अध्यक्ष प्रो. एकजोत कौर ने कहा कि औद्योगिक यात्राएं कक्षा में रियल वर्ल्ड कनेक्शन के माध्यम से विद्यार्थियों को सीखने का एक बढ़िया तरीका है। इस यात्रा ने छात्रों को एक विशेष वातावरण के निरीक्षण करने का मौका दिया है। इसके अलावा ये यात्राएं छात्रों और शिक्षकों को कक्षा के बाहर बातचीत करने का अवसर प्रदान करती हैं। इस प्रकार एक दूसरे के साथ अपने संबंध बढ़ाने और अपने सामाजिक और जीवन कौशल में सुधार करने का अवसर प्रदान करती हैं।