के.एम.वी. में विपासना विशेषज्ञ सुशीला कपूर ने कार्यशाला और संवाद सत्र में प्राध्यापकों का किया मा
जालंधर : भारत की विरासत संस्था-कन्या महाविद्यालय, जालंधर में मुंबई से पधारी सुप्रसिद्ध विपासना विशेषज्ञ सुशीला कपूर के मार्गदर्शन में कार्यशाला एवं संवाद-सत्र का आयोजन किया गया। विपासना ध्यान की एक विधि है जो साधक को श्वास-प्रश्वास पर ध्यान को केंद्रित करते हुए उसे उसके अन्तर्जगत से जोडऩे में सहायक है। सुशीला कपूर काफी लंबे समय से युवाओं एवं प्रौढ़ सभी आयु वर्ग के साधकों को ध्यान की इस विधि का प्रशिक्षण दे रही है। जेल सुधार घर तथा बाल सुधार गृह में भी सुशीला के ध्यान-सत्र समय-समय पर आयोजित किए जाते है। उनके द्वारा सिखाई जाने वाली विपासना मैडीटेशन का साकारात्मक प्रभाव दिखाई दिया है। कन्या महविद्यालय में भी सभी प्राध्यापकों ने विपासना पर आधारित दो दिवसीय कार्यशाला एवं संवाद-सत्र में सहभागिता की। इस दौरान सभी ने ध्यान की इस विधि के नियम सीखने के साथ इसे व्यावहारिक रुप से भी किया। वर्तमान समय की भागदौड़ भरी दिनचर्या में बहुत से तनाव एवं चिंताएं हमारे जीवन को घेरे रखती है। यह कार्यशाला इस नियमित दिनचर्या के तनाव को दूर करते हुए मानसिक प्रफुल्लता के अनुभव को प्राप्त करने की दिशा में यह सत्र एक सार्थक प्रयास रहा। विद्यालय प्राचार्या प्रो. अतिमा शर्मा ने सुशीला कपूर द्वारा कार्यशाला के दौरान प्राध्यापकों को विपासना ध्यान पद्धति के विषय में विस्तार से अवगत करवाते हुए उन्हें इस विशेष अनुभव से जोडऩे के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त किया। प्राचार्या महोदया ने सीमा जैन (अध्यक्ष अंग्रेजी विभाग) तथा डा. मधुमीत (डीन, स्टूडैंट वैल्फेयर डिपार्टमैंट) को इस सफलतापूर्वक गतिविधि के आयोजन के लिए मुबारकबाद दी।