के.एम. वी. में दस दिवसीय संस्कृत सम्मभाषण कार्यशाल का सफलतापूर्वक आयोजन
जालंधर :- भारत की विरासत संस्था-कन्या महाविद्यालय, जालंधर के संस्कृत विभाग की ओर से दस दिवसीय संस्कृत सम्भाषण कार्यशाला का आयोजन किया गया। विद्यालय प्राचार्या प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी की अध्यक्षता में इस कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। संस्कृतस्य कृते जीवन, संस्कृतस्य कृते यजन ध्येय गीत द्वारा कार्यशाला का उदघाटन सत्र प्रारंभ हुआ। संजीव श्रीवास्तव (संस्कृत भारती, नई दिल्ली) और रोहित (संस्कृत भारती, हिमाचल प्रदेश, शिमला) इस कार्यक्रम में स्रोत वक्ता के रुप में पधारे। अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में प्राचार्या जी ने कहा कि विशिष्ट कार्य करते हुए ही हम अपने जीवन में विशिष्टता को प्राप्त कर सकते है। दस दिवसीय कार्यशाला में स्रोत वक्ताओं की ओर से सजीव उदाहरणों व प्रश्नोत्तर शैली द्वारा प्रतिभागियों को संस्कृत भाषा व भाषा के सटीक उच्चारण के विषय में जानकारी हासिल की। केवल संस्कृत भाषा के प्राध्यापकों और छात्राओं द्वारा ही नहीं बल्कि अन्य विभाग के प्राध्यापकों और छात्राओं ने भी इस कार्यशाला में उत्साहपूर्वक प्रतिभागिता की। वर्कशाप में विशेष रूप से उपस्थित डा. पवन कपूर (हार्ट स्पैशलिस्ट) ने विशेष रुचि प्रर्दशित की। सीमा जैन, डा. नीरज मैनी, आशिमा साहनी,आनंदप्रभा, सुश्री रिंकल, सुश्री ऋचा विज, प्रगति, रजनी मरवाहा ने इस कार्यशाला में प्रतिभागिता की। विद्यालय प्राचार्या ने इस कार्यशाला की सफलता पर संस्कृत विभाग के इस कार्य की सराहना करते हुए कहा कि संस्कृत भाषा पूर्ण रूप से वैज्ञानिक भाषा है। संस्कृत को जन जन तक पहुंचाने और प्रिय बनाने में कन्या महाविद्यालय का यह सराहनीय योगदान है और भविष्य में भी ऐसी कार्यशालाओं के आयोजन का निरंतर प्रयास रहेगा।