डिप्स यू.ई में हिंदी दिवस पर कार्यशाला आयोजित
जालंधर 14 अगस्त: भाषा- जो बच्चे महसूस करते है उसे कह सके, जो सुनते हैं उन्हें शब्दों में ढाल पाए जो और पढ़ते है उसे समझ कर उनका सही अर्थ निकालते हुए उसे कह सके यही सच्ची भाषा शिक्षण है। यह शब्द हिंदी विशेषज्ञ डा. अनिल गुगलानी ने डिप्स स्कूल अर्बन एस्टेट के प्रांगण में डिप्स एजुकेशन रिसर्च एंड डिवैल्पमैंट बोर्ड द्वारा मातृ भाषा हिंदी को समर्पित एक दिवसीय कार्यशाला दौरान कहे।
हिंदी दिवस के अवसर पर डिप्स यू.ई में एक दिवसीय हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें हिंदी विशेषज्ञ डा. अनिल गुगलानी तथा राम दुग्गल मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हुए। यह कार्यशाला डिप्स चेन की सी.ई.ओ मोनिका मंडोत्रा ने नेतृत्व में आयोजित की गई। जिसमें उन्होंने आये हुए अतिथियों का स्वागत किया तथा उपस्थित अध्यापकों को हिंदी दिवस की बधाई दी तथा सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज की कार्यशाला हमारी शिक्षा के दायरो को नया प्रवाह देने के उदेश्य से आयोजित की गई है। इस दौरान मुख्य वक्ता राम दुग्गल तथा डा. अनिल ने सभी अध्यापकों को हिंदी भाषा के अर्थ से परिचित करवाते हुए कहा कि हिंदी के पास शब्द कोष का विशाल भंडार है जिसके द्वारा हम अपने भावों को अनेक प्रकार से प्रकट करते हैं। उन्होंने कहा कि आजकल विद्यार्थियों में मातृ भाषा या मात भाषा का रूझान कम हो रहा है। उसी रूझान को वापिस बनाने तथा कुछ नया सिखाना ही हर अध्यापक का उदेश्य होना चाहिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि विद्यार्थियो की रूची को बढ़ाने के लिए कक्षा में उनहें अधिक से अधिक विषय पर बोलने के लिए कहा जाए , संवाद के अधिक अवसर प्रदान करें, कक्षा में अभयास के साथ साथ प्रेरक कहानियों तथा रूची पूर्ण सामग्री का इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि अपने विष्य को पढ़ाते हुए अन्य विषयों का भी उदाहरण दे क्योंकि ज्ञान तथा भगवान एक है। इसी के साथ उन्होंने विषय को रूचीकर बनाने के कई टिप्स अध्यापकों को समझाए तथा उन्हें कक्षा में प्रयोग करने के लिए कहा। इस अवसर पर स्कूल की प्रिंसीपल नीलू बावा ने आए हुए अतिथियों का धन्वाद किया।