मानवीय मूल्य सिखाते भारतीय त्यौहार और जी.डी.गोयनका इंटरनेशनल स्कूल जालंधर का दृष्टिकोण
जालंधर : भारत एक त्यौहार प्रधान देश है क्यूंकि यहाँ विभिन्न धर्म, सम्प्रदाय, भाषा एवं श्रद्धा के अनुयायी रहते है । प्रत्येक व्यक्ति अपने विश्वासनुसार त्यौहार एवं धर्म का पालन करने की विशिष्ट स्वतंत्रता का अधिकारी है । भारत में प्रतिदिन कोई न कोई त्यौहार , उत्सव या मेला मनाया जाता है । यदि मानवीय विकास के दृष्टिकोण से देखे तो भारतीय त्यौहार जो विभिन्न धर्मों के होते हुए भी आपसी भाईचारे का सन्देश देते है, मनुष्य में जीवन-मूल्यों के निष्पादन के कार्य को समुचित ढंग से करते है । जी.डी. गोयनका स्कूल में विभिन्न धर्मों के सभी पर्वों को समेकित ढंग से मनाया जाता है । इसके पीछे स्कूल का दृष्टिकोण पूर्णतः सपषट है कि हम हर त्यौहार से मिलने वाली सीख और मानवीय मूल्यों की आधारभूत आवश्यकता से सुसज्जित एक नई पीढ़ी का निर्माण करने में राष्ट्र की सहायता करना चाहते है । हमें दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत, ईद त्याग और बलिदान व् आपसी भाईचारे का प्रतीक , दीवाली असत्य पर सत्य और अहिंसा के आधिपत्य का प्रदर्शन , रक्षा बंधन में प्रतिबद्धता का , राम नवमी से आस्था, करवा चौथ से आत्म समर्पण का मानवीय चरित्र में स्वतः ही समावेश होने लगता है । जी.डी. गोयनका में यह त्यौहार किसी न किसी रूप में मनाए जाते हैं तांकि बच्चों को इसके साथ जुड़े मानवीय मूल्यों का ज्ञान करवाया जा सके और इन मूल्यों को अपने जीवन में उतार सके। आइए हम सभी इस दिशा में अपने अपने प्रयासों से एक संप्रभुता सम्पन्न राष्ट्र का निर्माण करे ।