(Date : 29/March/2424)

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के.एम. वी. में भाषा, साहित्य, संस्कृति और मीडिया विषय पर विस्तार व्याख्यान का आयोजन






जालंधर :- भारत की विरासत संस्था कन्या महाविद्यालय, जालंधर के स्नातकोत्तर हिंदी विभाग द्वारा भाषा, साहित्य, संस्कृति और मीडिया विषय पर विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पंजाब के शिरोमणी साहित्यकार हिंदी के यशस्वी कथाकार, आलोचक, प्रख्यात शिक्षाविद एवं अर्थशास्त्री सुरेश सेठ स्त्रोतवक्ता के रुप में विद्यार्थियों से मुखातिब हुए। विद्यालय प्राचार्या प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने अतिथि महोदय का स्वागत एवं पुष्पित अभिनंदन करते हुए वर्तमान परिपेक्ष में भाषा साहित्य और संस्कृति के समचित रुप को मीडिया के माध्यम से सार्थक रुप में प्रचारित करने सबंधी अपने विचार व्यक्त किए। संस्कृति और मीडिया से सबंधित अनेक समाजिक स्थितियों, उनसे उभरने वाले प्रश्नों तथा उसके प्रभाव की ओर छात्रा समूह का ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि भाषा और साहित्य की आधारभूमि हमारी संस्कृति और मानव मुल्य है और इसी बात को और स्पष्ट करते हुए कहा कि मीडिया के विभिन्न रुपों और सोशल नैटवर्किंग साईटस के इस युग में भाषा और साहित्य के विकृत रुप से हमारी मानसिकता हमारे संस्कार और जीवन मुल्यों के समक्ष अनेक चुनौतियां और प्रश्न उभर कर आए है। जिनके प्रति युवा पीढ़ी को संवेदनशील, जागरुक होने के साथ साथ इनके निराकरण के लिए संकल्पवान होना चाहिए। उन्होंने भाषा, साहित्य शिक्षा एवं मीडिया किसी भी क्षेत्र में बनी हुई लकीरों पर चलने की अपेक्षा नए उचित और उर्जावान विचारों को जीवन के हर क्षेत्र में प्रवाहित करने अथवा उनका स्वागत करने का परामर्श दिया। राष्ट्रप्रेम, भाषा एवं संस्कृति के पुनुरुत्थान में के.एम.वी. द्वारा समय-समय पर दिए गए योगदान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि वस्तुत: शिक्षण संस्थाएं ही वह मूलभूमि है जहां से युवा पीढ़ी जीवन, मुल्यों, संस्कारों, संवेदनाओं, भावनाओं और विवेक के महत्व को आत्मसान करने और उसे जीवन व्यवहार में उतारने की समझा पाती है। माननीय वक्ता ने कहा कि कोई भी भाषा बड़ी छोटी सरल और कठिन नहीं होती अपितु किसी भी व्यक्ति के जीवन और परिवेश से सम्बद्धता ही उस भाषा को सार्थक और ऊर्जावान बनाती है। उन्होंने कहा कि हिंदी ऐसी ही ऊर्जावान संकल्पों की भाषा रही है जिस परंपरा को आगे बढ़ाने की जिम्मेवारी युवा पीढ़ी के छात्राओं, लेखकों, बुद्धिजीवियों और मीडिया कर्मियों पर है। विद्यार्थियों तथा प्राध्यापकों ने विषय से सबंधित अनेक प्रश्न एवं जिज्ञासाएं स्त्रोत वक्ता के समक्ष रखी। जिनका उन्होंने अत्यंत रोचक एवं जीवंत शैली में संतोषजनक उत्तर दिया। कार्यक्रम के अंत में हिंदी विभाग की अध्यक्षा डा. विनोद कालरा ने सुरेश सेठ की उपस्थिति एवं उनके प्रभावशाली व्याख्यान के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया।

 

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