जालन्धर (JJS) तरुण:- आज हम आसमान में पक्षियों से भी तेज उड़ सकते है, समुद्र में शार्क से भी तेका तैर सकते है, ज़मीन पर घोड़े से भी तेज भाग सकते हैं, विश्व के किसी भी कोने में बैठे अपनों से बिना किसी रूकावट बात कर सकते हैं उन्हें देख सकते हैं, सिर्फ और सिर्फ विज्ञान की मदद से । विज्ञान प्रकृति का एक ऐसा वरदान है जिसकी कीमत का आज हम अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते। नैश्नल साईंस डे को मुख्य रखते हुए डिप्स चेन के विभिन्न स्कूलों में विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गई। जिसमें विद्यार्थियों के लिए क्विज़ प्रतियोगिता, साईंस मॉडल मेंकिंग प्रतियोगिता, साईंस एग्काीबिशन, अटोबायग्राफी ऑफ ग्रेट साईंटिस्ट सी.वी रमन, ए,पी,जे अब्दुल कलाम, हरगोबिंद खुराना, सुब्रमण्यम चंद्रखेखर तथा जगदीश चन्द्र बसु बाबात विद्यार्थियों को जानकारी मुहैया करवाई।
गतिविधि का अगाज स्कूल के प्रिंसीपल ने विद्यार्थियों को नैश्नल साईंस डे बाबात जानकारी देते हुए किया। जिसमें उन्होंने बताया कि नैश्नल साईंस डे हमारे देश के प्रसिद्ध वैज्ञानिक सी.वी रामन को समर्पित है जिन्होंने 28 फरवरी 1928 को रामन इफैक्ट का अविष्कार किया । इस दिन को मनाते हुए एक प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया, जिसमें विभिन्न चरण सम्मिलित थे। जिसका प्रथम चरण प्रदर्शनी था । इस प्रदर्शनी में विद्यार्थियों ने साइंस से संबंधित विशेष प्राकार के मॉडल तैयार कर अपनी नवीन सोच को सबके समक्ष प्रस्तुत कि या। इस मॉडल मेंकिंग प्रतियोगिता में विजेता आने वाले विद्यार्थियों ने दूसरे चरण डिबेट में भाग लिया तथा विज्ञान के विभिन्न वषयों पर चर्चा की। डिबेट के विजेता विद्यार्थियों का तीसरा चरण क्विज़ प्रतियोगिता था जिसको चार टीमों में विभाजित किया गया। सभी विद्यार्थियों ने अपनी आधुनिक सोच तथा अपने ज्ञान को प्रदर्शित किया। प्रतियोगिता का अंतिम चरण वैज्ञानिकों की आटोबायोग्राफी था जिसमें क्विज़ के पांच होनहार विजेताओं ने अपने देश के महान वैज्ञानिकों की आटोबायोग्राफी प्रस्तुत की । प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी विद्यार्थियों को स्कूल के प्रिंसीपलों ने बधाई दी तथा कहा कि आज हम विज्ञान के संसाधनों के बिना अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। इसलिए विद्यार्थियों के ज्ञान में वृद्धि करवाने के उदेश्य को मुख्य रखते हुए भविष्य में भी इस प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाते रहेंगे।