जालन्धर (JJS) अजय छाबड़ा:- लघु और सीमांत किसानों की आय बढ़ाने तथा पंजाब के शिक्षित युवाओं को कृषि क्षेत्र में लाने के उद्देश्य से सीटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के पूर्व छात्र रोहित गुप्ता ने जालंधर के गांव लांबड़ा में आरपुन नाम का नई तकनीक से फार्म तैयार किया है। 2016 में बैचलर ऑफ इंफ्रोमेंशन टैक्नोलॉजी पास कर चुके रोहित गुप्ता एक्वाकल्चर कृषि के द्वारा सब्जियां पैदा कर रहे हैं और मछलियां पाल रहे हैं। इस फार्म के बारे में बात करते हुए रोहित गुप्ता ने कहा कि यह नई तकनीक किसानों को एक स्थायी आजीविका प्रदान करने के साथ ही उपभोक्ताओं को रासायनिक मुक्त खाद्यय पदार्थ उपलब्ध करवाता है।
इस तकनीक में सिर्फ 10 प्रतिशत पानी की ही खपत होती है और ग्रमीण पर्यावरण के अनुकूल है। किसान इस तकनीक से कृषि कौशल को विकसित करने के साथ-साथ आत्मनिर्भर भी बन सकते हैं। इस तकनीक से ना तो पर्यावरण को कोई नुकसान होगा और ना ही उपजाऊ कामीन नष्ट होगी । इसके अलावा इस तकनीक में पानी की ज्यादा अवश्यकता नहीं पड़ती। जबकि जिस तकनीक द्वारा किसान इस समय खेती कर रहे हैं उससे कामीन के खनिज पदार्थ और पानी दर कम होती जा रही है। इसके साथ ही रोहित ने कहा बताया कि कृषि के क्षेत्र में आए विकास और नई-नई टैक्नोलॉजी को देखकर उन्होंने भी कुछ नया करने के बारे में सोचा। खेती में नई तकनीकों को लाने और सीमांत किसानों की आय को बढ़ाने के उद्देश्य से उन्होंने जालंधर में एकीकृत प्रोटोटाइप खेतीबाड़ी शुरू कि गई। यह फार्म पंजाब का पहला एकीकृत जैविक सलाद एक्वाकल्चर फार्म है, जिसमें पालक, चेरी, टमाटर, ब्रोकोली, रेड रूबी लेटस, लेटस आइसबर्ग के अलावा भारी संख्या में मछली उत्पादन भी किया जा रहा है।
मैनेजिंग डायरैक्टर मनबीर सिंह ने रोहित गुप्ता के क्षेत्र में विचारों और प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व छात्र ने एक ऐसा प्रोटोटाइप विकसित है जो पर्यावरण के अनुकूल है। इससे पानी की खपत भी कम होगी और रसायनिक खाद्याय पदार्थों का इस्तेमाल भी नहीं करना पड़ेगा।