(Date : 23/April/2424)

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डीएवी कॉलेज के कंप्यूटर विभाग द्वारा करवाया गया डिजिटल मैराथन का आयोजन






नेत्रहीन वर्ग के लिए महत्वपूर्ण इस मैराथन के लिए डीएवी कॉलेज ने पंजाब में पहली बार चलाई यह मुहिम

जालंधर (JJS) मोहित:- डीएवी कॉलेज जालंधर द्वारा पंजाब में पहली बार डिजिटल मैराथन का आयोजन किया गया। यह डिजिटल मैराथन नेत्रहीन वर्ग के लिए करवाई गई थी। गौरतलब है कि इस मैराथन का आयोजन अभी तक भारत में सिर्फ दिल्ली में हुआ था, जबकि पंजाब में पहली बार इसका आयोजन डीएवो कॉलेज द्वारा किया गया। इस डिजिटल मैराथन में नेत्रहीनों के लिए एक्सेसिबल ई-बुक्स तैयार की जाती हैं। 

इस मैराथन दौरान नेत्रहीनों के लिए काम करने वाली संस्था 'सक्षम' भी डीएवी कॉलेज पहुंची। जिसमें सुश्री दीपिका सूद, श्रीमती सीरजा, श्री प्रवीण, सुश्री सविता एवम सुश्री उमा शामिल हुई। डीएवी कॉलेज पहुंचने पर प्रिंसिपल डा. एस. के. अरोड़ा, कंप्यूटर विभाग के अध्यक्ष डा. निश्चय बहल, प्रो. लेखा जिंदल, प्रो. मोनिका चोपड़ा द्वारा पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया गया। इस डिजिटल मैराथन में दो हिस्सों में काम हुआ जिसको आगे तीन-तीन चरणों में बांटा गया। पहले हिस्से में पहले किताबों का पीडीएफ में स्कैन किया गया, जिसके बाद उन्हें गूगल डॉक्स पर अपलोड किया गया एवम फिर एमएस वर्ड फ़ाइल में उन्हें डाला गया। दूसरे दौर में इन सबकी प्रूफ रीडिंग की गई। यह प्रूफ रीडिंग बाकी प्रूफ रीडिंग से अलग थी, क्योंकि इसे नेत्रहीनों के लिए तैयार किया जाना था। ताकि वो सारी बातें सही से सुन सकें। प्रूफ रीडिंग के बाद सारी फाइल्स को मर्ज करके कंपाइल कर दिया गया। इस मैराथन में कंप्यूटर विभाग के 55 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। यह मैराथन 6 घण्टों तक चली जिसमें 600 पन्नों की प्रूफ रीडिंग की गई।

प्रिंसिपल डा. एस. के अरोड़ा ने कहा कि डीएवी कॉलेज जालंधर सदैव ही समाज सेवा के लिए अग्रसर रहा है। उन्होंने कहा कि भगवान ने हमे कुछ ऐसा बनाया है कि जब हम अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर सच्चे मन से किसी की मदद करते हैं तो हमे अन्दर से ख़ुशी मिलती है। हालांकि हममें से ज्यादातर लोग इस तरह के काम करना चाहते हैं पर कर नहीं पाते और इसके लिए हमारे पास हमेशा एक बहाना होता है- टाइम नहीं है , पैसे नहीं हैं , बाद में करेंगे, आदि। पर डीएवी ने इन सब को पीछे छोड़ इस डिजिटल मैराथन का हिस्सा बन समाज सेवा की अपनी परंपरा को आगे बढ़ाया है। उन्होंने कंप्यूटर विभाग के इस कार्य के लिए विभाग के अध्यक्ष डा. निश्चय बहल एवम विभाग के अन्य सदस्यों की प्रसंसा की।

आई.टी. एवम कंप्यूटर विभाग के अध्यक्ष डा. निश्चय बहल ने कहा कि हमारा विभाग सदैव ही समाज सेवा के लिए अग्रसर रहता है। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां सक्षम संस्था जी-जान से मेहनत कर नेत्रहीनों के लिए कुछ करना चाहती हैं वहीं दूसरी ओर समाज ऐसे लोगों के प्रति बिलकुल उदासीन है। डीएवी कॉलेज ने इसके लिए सक्षम संस्था से हाथ मिलाया और इस डिजिटल मैराथन का आयोजन किया। हमें गर्व है कि आज हम समाज सेवा के इस कार्य में अपना योगदान दे पाए। और मैं यह विश्वास दिलाता हूँ कि हमारा यह विभाग आगे भी ऐसे कार्य करता रहेगा। कंप्यूटर विभाग की असिस्टेन्ट प्रोफेसर प्रो. लेखा जिंदल ने कहा कि अधिक से अधिक लोग अधिक से अधिक जगहों पर दृष्टिबाधित लोगों की मदद करें। उन्होंने कहा कि इस डिजिटल मैराथन से हजारों दृष्टहीन लोग लाभान्वित होंगे। हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम भी समाज के उत्थान में अपना योगदान दें एवम उनमें नया उत्साह भरना चाहिए ताकि वो लोग अपनी अक्षमता को अपनी कमजोरी नहीं अपनी ताकत बना सकें।

इस दौरान मंच का संचालन कंप्यूटर विभाग के विद्यार्थियों रिशव और मानसी द्वारा किया गया। प्रो. कविता एवम प्रो. मोनिका अरोड़ा भी इस दौरान वहां मौजूद रही।

 
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