जालंधर (JJS) मोहित:- एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर में संगीत के वाराणसी घराने से संबंधित 13 पीढ़ियों से संगीत की सेवा कर रहे पंडित अनुज मिश्रा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कथक डांसर के रूप में अपने नाम की धाक जमा चुके हैं । 1 अक्टूबर से 3 अक्टूबर तक त्रिदिवसीय कथक डांस के वर्कशॉप के लिए वह यहां पधारे हैं । प्राचार्य डॉ सुचरिता शर्मा ने उनकी उपस्थिति पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे गर्व है कि 'उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार से पुरस्कृत' इंटरनेशनल डांस काउंसिल के सदस्य तथा आईसीसीआर (इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशन) के कलाकार का कॉलेज में रिसोर्स पर्सन के रूप में आना वास्तव में हमारे विद्यार्थियों के लिए सौभाग्य का विषय है।
पंडित अनुज मिश्रा ने अपने पिता पंडित अर्जुन मिश्रा से ही कथक डांस की शिक्षा ग्रहण कर देश एवं विदेशों यूएसए, फ्रांस, इटली, स्पेन, जर्मनी एंड पोलैंड बेल्जियम, नॉर्वे, इंग्लैंड, कनाडा आदि देशों में परंपरागत शास्त्रीय नृत्य कत्थक की विशिष्ट पहचान बनाई हैं। अनुज मिश्रा का मानना है कि अगर सरकार अपनी परंपरा को बचाने में कलाकारों के लिए स्कॉलरशिप का इंतजाम कर दे तो निश्चित रूप से हमारा युवा वर्ग भी अपने समृद्ध परंपरा को बचाने के लिए प्रयत्नशील होगा । कत्थक डांस को जीवंत रखने के लिए इसके साथ ही युवा वर्ग का जुड़ना बहुत जरूरी है । 3 दिनों की इस वर्कशॉप में पंडित अनुज मिश्रा ने विद्यार्थियों को रुखसार की गत, तराना, तिहाइयों एवं तोड़े की जानकारी दी ।
इस वर्कशॉप के आयोजन के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित कलाकार रिसोर्स पर्सन के रूप में आना ना केवल विद्यार्थियों को प्रेरित करता है बल्कि इस क्षेत्र में उपलब्ध होने वाले अफसरों की भी जानकारी देता है । इस वर्कशॉप के सफल आयोजन के लिए उन्होंने डांस विभाग की प्राद्यापिका डॉ मिकी वर्मा के प्रयासों की भरपूर सराहना की ।