(Date : 28/March/2424)

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डी ए वी  कॉलेज के डॉ. एस. के. खुराना स्विट्ज़रलैंड में रिसर्च पेपर पढ़ने के लिए हुए भारत से रवाना






यूनेस्को  द्वारा करवाए जा रहे "इंटरनैशनल कांफ्रेंस टेक 4 डी ई वी" में होंगे शामिल, कॉन्फ़्रेन्स में शामिल होने वाले भारत से एकमात्र प्रतिभागी 

जालन्धर (साहिल ):- डीऐवी कॉलेज,जालंधर के अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. एस. के. खुराना का आगामी 27 -29  जून तक स्विट्ज़रलैंड में आरम्भ होने वाले "इंटरनैशनल कांफ्रेंस टेक 4 डी ई " में  चयन किया गया है। विचारणीय है कि यह कार्यक्रम यूनेस्को के द्वारा आयोजित किया जा रहा है जिसमें विश्व भर के विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों से प्राध्यापकों का चयन किया गया है। जिनमें डीऐवी कॉलेज,जालंधर के डा. एस. के. खुराना भी शामिल हैं।  डॉ.  खुराना इस कांफ्रेंस मे अपना  रिसर्च पेपर "कैन मूकस ट्रांसफॉर्म एजुकेशन इन दा डेवलपिंग वर्ल्ड : ए केस स्टडी ऑफ़ इंडिया " पड़ेंगे। जिस में वो भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे ।

यूनेस्को की रिव्यु कमेटी के इंचार्ज डिमिट्रिस नोकाकीस के अनुसार ," डॉ खुराना का रिसर्च पेपर कांफ्रेंस के लिए अत्यधिक लाभप्रद एवम महत्पूर्ण रहेगा क्योकि ये प्रदर्शित करता है की कैसे आधुनिक युग  में ऑनलाइन कोर्स का भारत की शिक्षा प्रणाली पर अपना प्रभाव डाल रहा है । ये अनुभव सभी देशो के प्रतिभागिओ और श्रोतागणों को अपने विकासशील देशो के लिए लाभप्रद रहेगा ।" यूनेस्को की रिव्यु कमेटी के दूसरे इंचार्ज फर्नान्ड कोउआमे  के अनुसार ," डॉ खुराना का  रिसर्च  पेपर बहुत ही रेलेवेंट और इंटरेस्टिंग रहेगा।कांफ्रेंस में अत्यधिक लाभप्रद एवम महत्पूर्ण जानकारी प्रदान करेगा  ।" 

डॉ.  खुराना ने बताया अगर हम भारत की जी इ आर (ग्रॉस एनरोलमेंट रेश्यो ) देखोगे तो ये विश्व के मुकाबले काफी कम है । इसको बढ़ाने के लिए हमे ऑनलाइन कौर्सेस पर धयान देना होगा जिस से हम अपनी रेश्यो तथा लिटरेसी लेवल भी बढ़ा सकते है । बड़े हुए लिटरेसी लेवल के बिना हम गरीबी को खत्म नहीं कर सकते । इसलिए भारत सरकार ने ऑनलाइन एजुकेशन को बढ़ाने पर विचार किया और मूक्स (मैसिव ओपन ऑनलाइन कौर्सेस ) को शुरू करने का निर्णय किया । दूसरी और भारत जिसमे जनसंख्या ज्यादा तर रूरल एरिया में रहती है और लोग गुणात्मक शिक्षा अफ़्फोर्ड नहीं कर सकते उनके लिए मूक्स (मैसिव ओपन ऑनलाइन कौर्सेस ) एक गेम चेंजर का काम करता है । मूक्स एक वैब बेस्ड प्लेटफार्म है जिस में विश्व भर से अनलिमिटेड विद्यार्थी डिस्टेंस एजुकेशन को हासिल करने का मौका ले सकते है । ये 2008 में शुरू किया गया था पर 2012 में इसमें तेजी आई और एक पॉपुलर लर्निंग टूल बन गया । मूक्स की पॉपुलैरिटी को देखते हुए वर्तमान भारत सरकार ने इसके किये एक अलग प्लेटफार्म Swayam (स्वयम) अगस्त 15, 2016 भारत के आज़ादी के दिन शुरू किया । जिस में 2000  से ज्यादा  कौर्सेस तथा 80000 घण्टों की लर्निंग है । इसमें 7 नैशनल कोऑर्डिनेटर्स अप्पॉइंट किये गए है जैसे नापटल इंजीनियरिंग के लिए ,युजीसी  पोस्ट ग्रेजुएट के लिए, सीईसी  अंडर ग्रेजुएट के लिए, एनसीइआर टी स्कूल शिक्षा के लिए, इग्नोऊ स्कूल छोड़ चुके विद्यार्थीओ के लिए ,आई आई ऍम बी मैनेजमेंट स्टडी के लिए । इस के लिए एम् एच आर डी ने 32  डी टी एच एजुकेशनल टीवी चैनल जिस का नाम स्वयम प्रभा भी शुरू किया जो 24 * 7  चलता है जिस  में विद्यार्थीओ को शिक्षा दी जाती है । भारत में 38 इंस्टीटूशन 346 कौर्सेस में 10 अलग अलग विषय पर शिक्षा प्रदान करते है । डॉ. एस.के. खुराना अपने  रिसर्च  पेपर में मूक्स की भारत में उपलब्धिआं के बारे में जानकारी प्रदान करेगे और आगे इसको कैसे और कामयाभ किया जा सकता है पर चर्चा करेगे ।

डॉ. एस.के. खुराना इससे पूर्व कई विश्वविद्यालयों में रिसर्च पेपर प्रस्तुत कर चुके हैं और विदेश में पहली बार डॉ. खुराना अपना रिसर्च पेपर पड़ेंगे  । डॉ. खुराना  दो राष्ट्रीय सेमिनार, एक यू.जी.सी. के प्रोजेक्ट पर भी कार्य कर चुके हैं। वह रिसर्च जर्नल "द इकनोमिक वर्ल्ड" के फाउंडर एडिटर भी हैं। डॉ. खुराना अब तक 86 रिसर्च पेपर प्रस्तुत कर चुके हैं, जो कि कई राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। डॉ. खुराना लोयला कॉलेज, चेन्नई (तमिलनाडु), एन.सी.ऐ.एस. कॉलेज, वर्धा (महाराष्ट्र),आई आई टी नई दिल्ली  तथा  जम्मू यूनिवर्सिटी जम्मू एंड कश्मीर में बतौर मुख्य प्रवक्ता के तौर पर शिरकत कर चुके हैं।  

डी ऐ वी कॉलेज,जालंधर के प्रिंसिपल डॉ. एस.के. अरोड़ा ने डॉ. एस. के. खुराना को इंटरनैशनल कांफ्रेंस Tech 4 Dev "  में उनका रिसर्च पेपर चुने जाने पर प्रसन्ता व्यक्त करते हुए उनको बधाई दी एवं उनकी भरपुर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि आज डी ऐ वी कॉलेज,जालंधर अपने 100 वर्ष पुरे कर चुका है, और 101 वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है, पिछले 100 वर्षों में डीऐवी कॉलेज,जालंधर में सर्वश्रेष्ठ अध्यापकों ने अपनी सेवा प्रदान की है, जिसने इस कॉलेज को श्रेष्ठ बनाने में बहुत मदद की है। डा. खुराना की उपलब्धि इसकी एक मिसाल है। डीऐवी कॉलेज,जालंधर अग्रिम भविष्य में भी ऐसी बहुत सी उपलब्धियां हासिल करता रहेगा।

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