जालन्धर (साहिल):- डीएवी कॉलेज, जालन्धर के डॉ ललित गोयल ने पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला के डॉ विशाल गोयल के सम्मानित मार्गदर्शन के तहत मूक बधिर लोगों के लिए "ट्रांसलेटर फॉर इंग्लिश टेक्स्ट टू आई एस एल सिंथेटिक एनिमेशन्स फॉर सिंपल सेन्टेन्सेस" नामक सॉफ्टवेयर तैयार किया गया। जिसे भारत के कॉपीराइट कार्यालय के रजिस्ट्रार ने डॉ ललित गोयल तथा डॉ विशाल गोयल के नाम रजिस्टर किया गया।
डीएवी कॉलेज जलंधर के प्रधानाचार्य डॉ एस के अरोड़ा ने इस महान उपलब्धि के लिए डॉ ललित गोयल और डॉ विशाल गोयल को बधाई दी और उन्होंने कहा कि यह डीएवी कॉलेज में पहली बार है कि हमारे प्रोफेसर को सॉफ्टवेयर विकास के लिए एक कॉपीराइट मिला है।
ललित गोयल अनुसार यह सॉफ्टवेयर भारत का पहला ऐसा सॉफ्टवेयर है जो अंग्रेज़ी के वाक्य को भारतीय मूक भाषा में बादल सकता है। मूक भाषा को बनाने के लिए किसी मनुष्य का प्रयोग नहीं किया गया बल्कि कंप्यूटर के साथ बनाऐ गए एनिमेशन करैकटर का प्रयोग किया गया जो बहुत ही मुश्किल और टाईम लेने वाला काम था। क्योंकि यह सिस्टम कम्प्यूटर जेनरेटेड एनिमेशन का उपयोग करता है जो सिस्टम की गति को कई गुना बढ़ा देता है। डॉ ललित गोयल के मुताबिक, सॉफ़्टवेयर को 2400 से अधिक शब्दों के द्विभाषी शब्दकोश के साथ जोड़ा गया है। अंग्रेजी और मूक भाषा की व्याकरण अलग होने के कारण दोनों भाषायों में अनुकूलता लाने के लिए भारतीय मूक भाषा और अंग्रेज़ी भाषा को अच्छी तरह समझा गया और बहुत से रूल बनाये गए जिन की मदद के साथ अंग्रेज़ी को भारतीय मूक भाषा में बदलना मुमकिन हो सका। सॉफ्टवेयर को विश्व के विकलांगता दिवस पर तीसरे दिसंबर को बधिर और गूंगा स्कूल सैफदीपुर, पटियाला में प्रदर्शित किया गया था और इसकी अपेक्षा से अधिक सराहना की गई थी।
इस संदर्भ में, डॉ विशाल गोयल और डॉ ललित गोयल आईएसएलआरटीसी से एम ओ यू प्राप्त करने के लिए बातचीत कर रहे हैं ताकि पेशेवर साइन लैंग्वेज दुभाषियों के मार्गदर्शन और विशेषज्ञता के साथ, वे मौजूदा प्रणाली में सुधार कर सकें और नई परियोजनाएं शुरू कर सकें। वर्तमान में, डॉ ललित गोयल अपने साथी डॉ विशाल गोयल के साथ मिलकर विकलांग लोगों के लिए रेलवे घोषणा प्रणाली के निर्माण में काम कर रहे हैं। एक और प्रोजेक्ट के तहत साइन लैंग्वेज की एनीमेशन को बनाने के लिए ऑनलाइन सॉफ्टवेयर लगभग तैयार कर लिया गया है। इस ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के साथ एनीमेशन बनाने के लिए बहुत सरल तरीके का इस्तेमाल किया गया है. अब शोधकर्ता इस ऑनलाइन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर नए एनिमेटेड साइन बना सकता है।
डा. ललित अनुसार यह सौफ्ट्वेयर बहरे लोगों को आम लोगों के साथ बात करने में बहुत ही लाभप्रद हो सकता है। डॉ. ललित गोयल और डॉ विशाल गोयल आगामी टाइम में पंजाबी और हिंदी को भारतीय मूक भाषा में बदलने वाले सॉफ्टवेयर बनाने का काम भी शुरू करने जा रहे हैं।