जालंधर (मोहित):- : कौन कहता है आसमां में छेद नही होता , एक पत्थर तो तबीयत से उछालों यारो । मन में मंजिल की चाह हो और लक्ष्य सिर्फ मछली की आँख हो तो कोई अर्जुन हार नही सकता। यह शब्द ( सदरन कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से बैचुलर अॅाफ साईंस इन बिज़नेस एडमनिस्ट्रेशन) की शिक्षा प्राप्त कर रहे रमनीक सिंह ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि हर विद्यार्थी अपने भविष्य को स्वय बना सकता है। यदि उसमें आत्मविश्वास हो तथा हर मुकाम को पाने की प्रबल इच्छा हो । रमनीक ने अपने जीवन के अमूल्य अनुभव सांझे करते हुए कहा कि बिना उदेश्य के विद्यार्थी का जीवन दिशाहीन है । इस दौरान उन्होंने 12वीं के बाद विदेश में शिक्षा प्राप्त करने की चाह रखने वाले नौजवानों को गाईडैंस देते हुए बताया कि हमारा स्कूल ही हमारे अच्छे भविष्य का आधार है यहि हम 11वीं तथा 12वीं में अपने भविष्य को मुख्य रख कर सही प्रकार से शिक्षा तथा सह सहायक गतिविधियों में भाग लेकर उनमें उत्तीण होते है तो हम अपने लक्ष्य पर आसानी से पहुँच सकते है।
इसी के साथ उन्होंने बताया कि विदेश में शिक्षा के साथ साथ आप समय का सदुपयोग कर पार्ट टाईम जॉब कर अपने जेबखर्च का प्रबंध आसानी से कर सकते है। इस दौरान उन्होंने विदेश की विभिन्न यूनिवर्सिटीका ,वहाँ के माहौल तथा अध्यापकों के फैंडली व्यवहार से भी सभी को अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि अगर आप में कुछ कर दिखाने की चाह है तो आप विदेश ही नही बल्कि अपने देश में भी अपना सुनहरी भविष्य बना सकते है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में होनहार विद्यार्थियों को विशेष रूप से स्कार्लशिप भी प्रदान की जाती है। जिसका उदाहरण उन्होंने देते हुए बताया कि इंडिया के आयुश शर्मा आपने आत्मविश्वास तथा अपनी मेहनत के बल पर अमेरिका के एम.आई.टी में 100 प्रतिशत स्कर्लाशिप प्राप्त की। इस दौरान विद्यार्थियों के साथ उन्होंने प्रश्नोत्तरी सैशन भी किया तथा उनके द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देकर उनकी जिज्ञासा को शांत किया एवम एक प्रश्न के उत्तर में भावुक होते हुए कहा कि उनकी सफलता का श्रेय वह अपने दादा जी गुरबचन सिंह तथा अपने पिता तरविंदर सिंह(चेयरमैन तथा एम.डी डिप्स चेन आप इंस्टीच्यूशन ) को देते है, जो उनके जीवन के प्रेरणा स्रोत है।
इस सैमीनार में डिप्स चेन के चेयरमैन गुबचन सिंह, सी.ई.ओ मोनिका मंडोत्रा विषेश तौर पर उपस्थित हुए । कार्यक्रम की देखरेख स्कूल की प्रिंसीपल नीलू बावा ने की। सैमीनार का आगाज मुख्य अतिथि तथा मुख्य वक्ता को गुलदस्ता देकर किया गया। सैमीनार के अंत में स्कूल की प्रिंसीपल ने आए हुए अतिथियों का धन्यवाद किया तथा विद्यार्थियों को मुख्य वक्ता द्वारा सिखाई बातों को अपनाने के लिए प्रेरित किया।