जालंधर :- दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संचालक एवं संस्थापक श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा मंथन नामक एक मुहिम चलाई गई है, जिसके अन्तगर्त संपूर्ण विकास शिक्षा केन्द्र चलाए जा रहे हैं। जिसमें बच्चों के बाहरी विकास के साथ साथ आन्तरिक विकास पर भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है। इसी मुहिम के तहत जालंधर में सप्ताह में एक दिन बच्चों के आन्तरिक विकास के लिए उन्हें नैतिक शिक्षा प्रदान की जाएगी।
आज देखा जाए तो बच्चें अपने बड़ों का सम्मान व आदर नहीं करते। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान इन समस्याओं का जड़ से उन्मूलन करने हेतु बच्चों को सुसभ्य व संस्कृत करने के लिए इस दिशा पर तीव्र गति से अपने पग भरता जा रहा हैं। वह समय समय पर ऐसी कक्षाओं तथा कार्यशालाओं का आयोजन कर रहा हैं, जिसमें उनकी सेहत, मनोरंजन व व्यवहार संबंधी गतिविधियों पर पूरा ध्यान रखा जाता है।
इसी श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए दिव्य ज्योति के जालंधर स्थित आश्रम में बच्चों के लिए एक कक्षा का आयोजन किया गया। बच्चों को विचार संबंधी शिक्षा देते हुए साध्वी उर्मिला भारती जी ने कहा कि एक सकारात्मक रवैया आपको खुशी और सफलता की ओर ले जाता है और इससेे आप अपने पूरे जीवन को बदल सकते हैं। यदि आप अपने जीवन के उज्ज्वल पक्ष की ओर देखे तो आपका पूरा जीवन प्रकाश से भर जाएगा। यह आपके जीवन में अधिक खुशियां लेकर आएगा। वहीं एक नकारात्मक रवैया जीवन में कठिनाईयाँ लेकर आएगा। अत: यदि आप अपने जीवन को खिले- खिले फूलों की तरह सची मुस्कान से सजाना चाहते हैं तो मन के सी. डी. पलेयर में से खराब विचारों की सी. डी. हटाकर शुभ विचारों की सी. डी. डालनी होगी। जरूरत है मन से भी ज्यादा शक्तिशाली सत्ता का संग करने की जो इन नकारात्मक विचारों को पूर्णत: समाप्त कर दे और वह शक्ति है जागृत आत्मा।इस लिए सदैव सकारात्मक दृष्टिकोण रखें क्योंकि जहाँ नकारात्मक रवैये का कहना है आप सफलता हासिल नहीं कर सकते वहीें सकारात्मक दृष्टिकोण का कहना है आप सफलता प्राप्त कर सकते हैं।