डी ए वी कॉलेजिएट स्कूल, जालंधर में हवन यज्ञ से हुआ 10+1 और 10+2 के नए सत्र का शुभारंभ
" सफलता को एक विकल्प नहीं बल्कि अपना जनून बनायें मगर सबसे पहले अपने आप को एक सम्पूर्ण तौर पर अच्छा इंसान बनाये " डी ए वी कॉलेजिएट स्कूल में नयें स्टूडेंट्स को शुभकामनायें देते हुए बोले प्रिंसिपल डॉ संजीव अरोड़ा
" हवन यज्ञ के उपरांत योग्य और अकादमिक मेधावी छात्रों और छात्राओं को मुफ़्त किताबें भी बाँटी गई "
जालंधर:- "तमसो मा ज्योतिर्गमय " यानि अज्ञान के अंधकार से ज्ञान(शिक्षा) के प्रकाश की ओर चलो" भारत की इस महान संस्कृति व परम्परा को निभाते हुए डीएवी कॉलेजिएट स्कूल नें 10+1 और 10+2 की कक्षाओं का नया सत्र का शुभारंभ हवन यज्ञ से किया। इस मौके पर प्रिंसिपल डॉ संजीव अरोड़ा, कन्वीनर डॉ सुरेश खुराना, वाइस प्रिन्सिपल प्रो टी डी सेनी, बर्सर प्रो अजय कुमार अग्रवाल, स्टाफ़ सेक्रेटेरी प्रो विपन झांजी,प्रो सोनिका, प्रो जीवन आशा, डॉ संजीव धवन, प्रो नवीन सूद ने विद्यार्थियों व स्टाफ सदस्यों ने हवन यज्ञ में भाग लेकर नए सत्र के लिए प्रार्थना की। कालेज के प्रिंसिपल डा. संजीव अरोड़ा ने विद्यार्थियों का स्वागत कर उन्हें आर्य समाज एवं कालेज के नियमों की जानकारी देने के साथ कठिन मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। प्रिंसिपल डॉ संजीव ने कहा, आर्य समाज का चिन्तन, दर्शन, मूल्य तथा आदर्श हमें जीवन से जोड़ते हैँ और पूर्णता की और ले चलते हैँ।आर्य समाज द्वारा संचालित संस्थाओं का शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।वेद अपनाने से ही सुख, समृद्धि व आनंद प्राप्त हो सकता है।
प्रिंसिपल अरोड़ा नें अपना संदेश देते हुए कहा, कि इस सत्र में स्टूडेंट्स अपना लक्ष्य पहले से निधारित करें और स्मार्ट और कड़ी मेहनत से अपने लक्ष्य को पूर्ण प्राप्त करें। डॉ अरोड़ा नें अपने संदेश में कहा डी ए वी स्कूल आपको उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करता है जिसके आप अधिकारी है और जिसके आप योग्य भी है। स्कूल में शिक्षा का ऐसे प्रोग्राम है,जो हर स्टूडेंट पर केन्द्रित होतें है और उनकी अकादमिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देतें है।
प्रिंसिपल अरोड़ा नें कहा, डी ए वी कॉलेजिएट स्कूल की शिक्षण प्रणाली सबसे बेहतरीन है,सभी आवश्यक साधन के द्वारा पूरा स्टाफ, आप सभी के समर्थन और मदद करने के लिए यहाँ हैं और हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगें की आप अपने अकादमिक उत्कृष्टता तक पहुँच सकें। कॉलेजिएट का उद्धेश्य यह है कि हम सुनिश्चित कर सके कि हमारे सभी छात्र बुद्धिजीवी, जिज्ञासु, चुनौतीपूर्ण, मेहनती ,शोधकर्ता और उपजाऊ लेखक बन सके। अंत में प्रिन्सिपल डॉ अरोड़ा ने कहा, मैँ फिर से पुरे स्टाफ की ओर से आप सभी का स्वागत करता हूँ और इस कॉलेजिएट स्कूल का एक हिस्सा होने के लिए आपको शुभकामनाएं देना चाहता हूँ, जहाँ सफलता एक विकल्प नहीं बल्कि एक जनून है।