पंजाबी साहित्य सभा डीएवी कॉलेज, जालंधर ने कविता तथा गायन मुकाबलों का आयोजन करवाया
जालंधर (साहिल अरोड़ा):- पंजाबी साहित्य सभा डीएवी कॉलेज, जालंधर की तरफ से गायन मुकाबलों का आयोजन करवाया गया। जिसमें काॅलेज के विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। इन मुकाबलों का उद्देश्य विद्यार्थियों में कविता गीत और गायन में ज़्यादा से ज़्यादा रूचि पैदा करना था। इस समारोह की शुरुआत कॉलेज के वाईस प्रिंसिपल प्रो. वी के सरीन तथा पंजाबी विभाग के प्रमुख प्रो. लखबीर सिंह द्वारा करवाई गई। इस दौरान वाईस प्रिंसिपल प्रो वी के सरीन ने पंजाबी साहित्य सभा के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि भाषा का सही प्रयोग ही दिलों को जोड़ता है। कविता उतनी ही पुरानी है, जितना कि मनुष्य। आदि काल से मनुष्य ने जब बोलना शुरू किया तो उसकी पहली आवाज़ कविता में ही निकली। कविता की परिभाषा उतनी ही पुरानी है जितनी की कविता। कविता से मनुष्य अपने दिल की बात स्वाभाविक तरीके से कर सकता है। इसके साथ ही कविता और गीत गायन विद्यार्थियों को अपने विचार को प्रकट करने की स्वतंत्रता प्रदान करती हैं।
इसके इलावा पंजाबी विभाग के प्रमुख प्रो लखबीर सिंह ने भाषा के महत्व के बारे में बात करते हुए इसके प्रयोग के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि कविता साहित्य का एक रूप है। जिसने कवि शब्दों को उनके आम अर्थों से बेहतर अर्थ प्रदान करने के लिए काविक साधनों का प्रयोग करता है। दूसरे शब्दों में कविता अपने विशेष कलात्मक प्रयोजन के लिए भाषा सहजात्मक गुणों का प्रयोग करती है। इस मौके पर पंजाबी साहित्य सभा के प्रमुख प्रो एस के मिड्डा ने गायन मुकाबलों के नियमों और शर्तों के बारे में जानकारी दी। इन मुकाबलों में प्रो मोहन सिंह, नन्द लाल नुरपुरी, बावा बलवंत, शिव कुमार बटालवी तथा सुरजीत पातर के गीतों कविताओं का गायन किया गया। इसके साथ ही मौजूदा समय के प्रसिद्ध गायक तेजी सन्धु ने अपनी गायिकी से श्रोताओं को मन्त्र मुग्ध किया।
इन मुकाबलों में निर्णायक की भूमिका प्रो राजन शर्मा, प्रो बलविंदर सिंह तथा प्रो सतपाल सिंह ने निभाई। इन मुकाबलों में पहला इनाम अनमोल प्रीत कौर ने जीता, दूसरा इनाम किरणदीप कौर तथा तीसरा इनाम शैली भगत ने जीता। वहीं सुखवीर सिंह को हौसला अफजाई पुरस्कार दिया गया। वॉयसकीपर की भूमिका एम ए द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी दीपक ने निभाई। इस मुकाबले में 60 विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस मौके प्रो अशोक कुमार खुराना, प्रो कमलदीप सिंह, प्रो सतिंदर कौर, प्रो इंदू, प्रो ग़ज़लप्रीत कौर, प्रो मनजीत कौर, प्रो किरणदीप कौर तथा प्रो बलजीत कौर सहित 100 से ज़्यादा विद्यार्थी मौजूद थे।